बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने छह महीने की सजा सुनाई है। आईसीटी ने अदालत की अवमानना (CONTEMPT OF COURT) के एक मामले में सजा सुनाई है। 

ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण- 1 की तीन सदस्यीय पीठ द्वारा दिया गया है। इस पीठ की अध्यक्षता जस्टिस गुलाम मुर्तजा मजूमदार कर रहे थे।

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि न्यायाधिकरण ने शकील अकंद बुलबुल को भी इसी मामले में 2 महीने की सजा सुनाई है।

अपदस्थ होने के बाद पहले मामले में सुनाई सजा

शेख हसीना को अपदस्थ होने के बाद पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है। अगस्त 2025 में वह बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं थीं और तब से यहीं पर हैं।

इसी साल जून में हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के अभियोक्ताओं ने मानवता के खिलाफ अपराध का औपचारिक आरोप लगाया था। अभियोक्ताओं ने कहा कि बीते हुए बांग्लादेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हसीना ने व्यवस्थित तरीके से हमले कराए। मुख्य अभियोक्ता मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने भी आरोप लगाया कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हसीना ने व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया।

हसीना ने आरोपों से किया इंकार

शेख हसीना ने हालांकि इन सभी आरोपों से इंकार किया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनके वकील ने हसीना के हवाले से कहा कि  वह "आरोपों से उन्हें मुक्त करने के लिए तर्क प्रस्तुत करेंगे।"

गौरतलब है कि बांग्लादेश में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच वह अगस्त 2024 में भारत आ गईं थीं। तब से वह नई दिल्ली में एक सुरक्षित आवास में रह रही हैं। 

वहीं, उनके भारत आने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। हालांकि, अंतरिम सरकार पर तमाम तरह के दबाव देखे जा रहे हैं। जैसे देश में अगले चुनाव कब कराए जाएंगे। वहीं, हिंदू अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे हमलों को लेकर भी यूनुस पर सवाल उठते रहे हैं।