शत्रुघ्न सिन्हा ने उत्तराखंड में UCC का किया समर्थन, पूरे देश में की मांसाहार पर प्रतिबंध की मांग

शत्रुघ्न सिन्हा ने देश में मांसाहार पर प्रतिबंध की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बीफ (गौमांस) पहले से ही कई राज्यों में प्रतिबंधित है, लेकिन इसे और विस्तृत किया जाना चाहिए।

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शत्रुघ्न सिन्हा। फोटोः Grok

नई दिल्लीः वरिष्ठ अभिनेता और तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के लागू होने की सराहना की। साथ ही उन्होंने पूरे देश में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाने की बात कही। 

शत्रुघ्न सिन्हा ने देश में मांसाहार पर प्रतिबंध की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बीफ (गौमांस) पहले से ही कई राज्यों में प्रतिबंधित है, लेकिन इसे और विस्तृत किया जाना चाहिए।

उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "कुछ राज्यों में बीफ खाना कानूनी है, खासकर उत्तर-पूर्व में। वहाँ खाओ तो 'यम्मी', लेकिन उत्तर भारत में खाओ तो 'मम्मी'।" उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के प्रतिबंध पूरे देश में समान रूप से लागू होने चाहिए, न कि क्षेत्रीय आधार पर।

समान नागरिक संहिता पर सावधानी बरतने की सलाह

शत्रुघ्न सिन्हा ने यूसीसी के क्रियान्वयन को एक बड़ी उपलब्धि बताया, लेकिन इसके बारीक प्रावधानों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून विवाह, तलाक, संपत्ति अधिकार, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान नियम बनाने का प्रयास करता है, लेकिन इसे लागू करने से पहले व्यापक चर्चा जरूरी है।

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर विचार-विमर्श करना चाहिए ताकि हर वर्ग की राय को ध्यान में रखा जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि UCC को महज चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे गंभीरता और संवेदनशीलता से लागू किया जाना चाहिए।

उत्तराखंड बना पहला राज्य

27 जनवरी को उत्तराखंड, स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया। इसके तहत विवाह और लिव-इन संबंधों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इसके प्रमुख प्रावधानों में बेटा-बेटी को समान संपत्ति अधिकार, तलाक के समान आधार और लिव-इन से जन्मे बच्चों की वैधता शामिल है।

उत्तराखंड सरकार ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया है, जहां विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के मामलों का पंजीकरण किया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इसे समानता और न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।

गुजरात ने भी यूसीसी को लेकर गठित की समिति

वहीं, उत्तराखंड के बाद अब गुजरात सरकार ने भी यूसीसी को लेकर राज्य में समिति का गठन किया है। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने के लिए गुजरात सरकार हमेशा प्रतिबद्ध रही है। इसी दिशा में गुजरात सरकार आगे बढ़ रही है। सभी नागरिकों को समान हक मिले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया गया है। यह समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी।

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