shashi tharoor Photograph: (Ians)
नई दिल्ली: कांग्रेस में शशि थरूर को लेकर किस तरह की उथलपुथल मची हुई है, इसके स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुधवार को पार्टी के नेता और सांसद शशि थरूर पर किए गए तंज के बाद केरल सांसद का भी जवाब आया है। थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'उड़ने के लिए किसी की इजाजत नहीं मांगो। पंख तुम्हारे हैं और आसमान पर किसी का अधिकार नहीं है।'
थरूर का ये पोस्ट खड़गे के एक बयान के ठीक बाद आया जिसमें उन्होंने कांग्रेस सांसद द्वारा पीएम मोदी को भारत की प्रमुख संपत्ति (प्राइम एसेट) बताने को लेकर उन पर तंज कसा था। खड़गे ने किसी का नाम लिए बगैर कहा था, 'कुछ लोगों के लिए मोदी ही पहले हैं।' खड़गे का यह बयान 'द हिंदू' में थरूर के लिखे एक आर्टिकल को लेकर पूछे गए सवाल पर आया।
थरूर के आर्टिकल पर खड़गे ने क्या कहा?
खड़गे ने कहा था, 'मैं अंग्रेजी नहीं पढ़ सकता, लेकिन उनकी भाषा बहुत अच्छी है - इसीलिए हमने उन्हें पार्टी की कार्यसमिति का सदस्य बनाया। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हम सभी, पूरा विपक्ष एक साथ आया है और कह चुका है कि हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं - हमारी सेना जो लड़ रही है - हम उनके साथ हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम कहते हैं कि राष्ट्र पहले है, लेकिन कुछ लोग मोदी को पहले और देश को बाद में मानते हैं। हम इस बारे में क्या कर सकते हैं?'
इससे पहले थरूर ने स्पष्ट किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीतिक प्रयासों की प्रशंसा करने वाले उनके लेख को उनके भाजपा में शामिल होने के संकेत के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। यह गलत होगा। एक कार्यक्रम के दौरान लेख के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री की पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का संकेत नहीं है, जैसा कि कुछ लोग दुर्भाग्य से इशारा कर रहे हैं।'
थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'यह राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय हित और भारत के लिए खड़े होने का एक बयान है - जो मेरे विचार से, मूल रूप से यही कारण है कि मैं संयुक्त राष्ट्र में 25 साल की सेवा के बाद भारत वापस आया। मैंने भारत की सेवा करने के लिए ऐसा किया और मुझे ऐसा करने का अवसर पाकर बहुत गर्व है।'
अपने लेख में थरूर ने वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में पीएम मोदी की 'ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा' की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि यह 'अधिक समर्थन का हकदार है।' बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक्स हैंडल पर लेख साझा किया था। इसके बाद से थरूर की कांग्रेस नेतृत्व से बढ़ती दूरी के बारे में अटकलें लगाई जाने लगी थी।
बताते चलें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने विभिन्न देशों में भेजी गई सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर को शामिल किया था। हालांकि, कांग्रेस ने थरूर से इतर कुछ अन्य सांसदों के नाम भेजे थे। इसके बाद थरूर ने विदेश में जाकर पीएम मोदी और मौजूदा सरकार की पाकिस्तान और आतंक के खिलाफ नीतियों की प्रशंसा करते हुए जिस तरह के बयान दिए, इससे कांग्रेस के लिए असहज जैसी स्थिति पैदा होती रही। इस पूरे प्रकरण के बाद से ही कांग्रेस और शशि थरूर में खींचतान जैसी स्थितियां देखने को मिल रही हैं।