नई दिल्लीः ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया भर में भारतीय प्रतिनिधिमंडल अपनी बात रख रहे हैं और पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवाद के समर्थन करने को लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। इसी बीच शशि थरूर ने कहा कि भारत आतंकी कृत्यों के दूसरा गाल नहीं बढ़ाएगा। इसके साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि अपनी भूमि पर किसी भी अन्य हमले का जवाब देगा। 

शशि थरूर ने ये बातें पनामा में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। थरूर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी के उन विचारों पर भी प्रकाश डाला जिसमें उन्होंने बिना भय के जीने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने को कहा था।

गांधी की भूमि भी नहीं बढ़ाएगी दूसरा गाल

थरूर ने कहा, "हमें हमेशा उन मूल्यों के लिए सिद्धांत रूप में खड़ा होना चाहिए जिनमें हम विश्वास करते हैं और हमें बिना किसी भय के जीना चाहिए। भय से मुक्ति ही वह चीज है जिसके लिए हमें भारत में इन दिनों उन दुष्ट लोगों के हमलों के खिलाफ लड़ना है जिन्हें दुनिया आतंकवादी कहती है लेकिन जो मानते हैं कि हमारे देश में आकर, निर्दोष लोगों की हत्या करके और फिर भागकर, वे किसी तरह किसी बड़े राजनीतिक या धार्मिक उद्देश्य को प्राप्त कर लेंगे, जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, यह ऐसा कुछ नहीं है, जिसे कोई भी स्वाभिमानी देश स्वीकार करेगा और यहां तक ​​कि महात्मा गांधी की भूमि भी ऐसा होने पर दूसरा गाल आगे नहीं करेगी, हम जवाब देंगे।"

यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, गुयाना और अन्य जगहों पर पहुंचा है। यहां पर थरूर ने भारत के आतंकवाद के प्रति सख्त रवैया अपनाने की बात दोहराते रहे हैं।

इससे पहले थरूर के प्रतिनिधिमंडल ने पनामा के राष्ट्रपति जोस रॉल मुलिनो और विदेश मंत्री जेवियर मार्टिनेज अचा से मिला और उन्हें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के आतंकियों के जनाजे में शामिल होने वाली तस्वीरें दिखाईं। 

आतंकियों के जनाजे में कैसे शामिल हो सकते हैं सैन्य अधिकारी

उन्होंने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि कैसे पाकिस्तानी सेना का उच्च अधिकारी किसी आतंकवादी के जनाजे में शामिल हो सकता है?

थरूर ने आगे कहा "यह वह देश है जो अब कहता है हम निर्दोष हैं। हमने ऐसा नहीं किया। आप उन लोगों के लिए शोक नहीं मनाते, जिन्हें आप नहीं जानते हैं।"

इस दौरान थरूर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी बात करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भारत और कश्मीर की उभरती अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना था। 

गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए छह और सात मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। यह ऑपरेशन पहलगाम में पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के जवाब के किया गया था। 

इसके बाद भारत सरकार ने सात प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया जिनमें सभी पार्टियों के सदस्यों को शामिल किया गया। ये सभी प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में भारत के आतंकवाद के प्रति सख्त रुख को रख रहे हैं और पाकिस्तान के आतंक को समर्थन की बात है।