नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से चुनाव में धोखाधड़ी और खासकर मतदाता सूची में गड़बड़ियों के मुद्दे पर अपना समर्थन जताया है। थरूर हाल के दिन में कांग्रेस से कथित तौर पर कुछ मुद्दों पर असहमति को लेकर चर्चा में रहे थे।
खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की ओर से दुनिया भर के देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल वाले प्रकरण के बाद थरूर और कांग्रेस के बीच दरार कई मौकों पर नजर आया। थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान भी कांग्रेस की ओर से वक्ताओं की लिस्ट में नहीं रखा गया था।
राहुल गांधी के समर्थन में थरूर
राहुल गांधी ने कल 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में मतदाता सूची में गड़बड़ी का दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर हेराफेरी कर रहा है। वहीं, भाजपा ने आरोपों को 'निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया था।
These are serious questions which must be seriously addressed in the interests of all parties & all voters. Our democracy is too precious to allow its credibility to be destroyed by incompetence, carelessness or worse, deliberate tampering. @ECISVEEP must urgently act &… https://t.co/RvKd4mSkae
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 8, 2025
थरूर ने इस मुद्दे पर शुक्रवार सुबह एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, 'ये गंभीर प्रश्न हैं जिन पर सभी दलों और सभी मतदाताओं के हित में गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को अक्षमता, लापरवाही या उससे भी बदतर, जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता।'
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई करने का भी आह्वान किया। राहुल गांधी के प्रति थरूर का समर्थन उनके कांग्रेस के संबंधों को लेकर अनिश्चितता के छाए बादल के बीच उभर कर आया है। थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका गए प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया था। जबकि कांग्रेस उन्हें भेजना चाहती थी।
राहुल गांधी ने चुनाव में गड़बड़ियों का दावा करते हुए कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र का भी जिक्र किया था। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए वोटर जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे। कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वह उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे। 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन मतदान केंद्रों पर लाइनें नहीं थीं।