कोच्चिः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि देश को हमेशा पार्टी से ऊपर रखा जाना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के प्रसिद्ध कथन का हवाला देते हुए थरूर बोले, “अगर भारत नहीं रहेगा, तो कौन बचेगा?” उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय एकता को राजनीतिक प्रतिस्पर्धा से ऊपर रखा जाना चाहिए।
शशि थरूर का यह बयान कोच्चि में एक स्कूल कार्यक्रम के दौरान आया, जब हाई स्कूल के एक छात्र ने उनसे हालिया घटनाओं को लेकर उनकी पार्टी की ओर से मिले विरोध के बारे में सवाल किया। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद थरूर ने भारत की विदेश नीति और सुरक्षा मुद्दों पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सहयोग की पैरवी की थी, जिसे लेकर उन्हें कांग्रेस के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा।
'देश खतरे में हो तो मतभेद भूल जाओ'
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, “जब देश संकट में हो, तो मतभेदों को किनारे रख देना चाहिए। पहले भारत है, तभी हम सब हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राजनीतिक दल केवल एक माध्यम हैं, देश को बेहतर बनाने के लिए।”
थरूर इस समय कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य भी हैं और हाल ही में उन्होंने अमेरिका समेत कुछ देशों की यात्रा की, जहाँ उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की सुरक्षा चिंताओं को उजागर किया। इस पहल को कुछ कांग्रेस नेताओं ने “मोदी सरकार की लाइन का समर्थन” बताकर आलोचना की थी।
In Kochi today, I was asking inevitable question by a high school student. While I have been steering clear of such political discussions in public, I felt a student deserved a response: pic.twitter.com/AIUpDBl0Kf
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 19, 2025
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले महीने बिना नाम लिए एक बयान में कहा था, “कांग्रेस देश को पहले रखती है, लेकिन कुछ लोग मोदी को पहले रखते हैं और देश को बाद में।” इसे थरूर पर निशाना माना गया था। हालांकि, थरूर ने इस विषय पर सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने रुख पर अडिग रहते हुए बोले, “मैंने जो कहा और किया, वह देशहित में था। मैं अपनी बात पर कायम रहूंगा क्योंकि यह मुझे सही लगता है।”
'राजनीति प्रतिस्पर्धा है, लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि'
कांग्रेस नेता ने इस बात को भी स्वीकारा कि राजनीति एक प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया है, जहां विचारधाराएं अलग-अलग हो सकती हैं—चाहे वह पूंजीवाद बनाम समाजवाद हो या नियंत्रण बनाम मुक्त बाजार—लेकिन लक्ष्य एक होना चाहिए- एक सुरक्षित और बेहतर भारत।
उन्होंने कहा, “जब हम कहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हमें अन्य दलों से सहयोग करना चाहिए, तो कुछ लोग इसे पार्टी के प्रति अस्वास्थ्यकर निष्ठा के रूप में देखते हैं। यही सबसे बड़ी समस्या है।”
कार्यक्रम के दौरान जब एक सर्वेक्षण का हवाला दिया गया, जिसमें थरूर को केरल में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद का सबसे पसंदीदा चेहरा बताया गया था, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “किसी ने मुझे वो सर्वे भेजा, मैंने जवाब में सिर्फ सैल्यूट किया। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं।”