नई दिल्लीः शशि थरूर के 'आपातकाल' पर लिखे लेख को लेकर कांग्रेस के भीतर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पार्टी नेता मणिकम टैगोर ने कटाक्ष करते हुए कहा क्या तिरुवनंतपुरम सांसद आपातकाल पर भाजपा के बयान को दोहरा रहे हैं।
तमिलनाडु के विरुधुनगर से सांसद मणिकम टैगोर ने यह टिप्पणी थरूर के लिखे एक लेख के बाद आया है जिसमें थरूर ने आपातकाल को एक 'काला अध्य्याय' बताया है। इसमें उन्होंने यह भी लिखा कि इसकी जटिलताओं और सबक को पूरी तरह से समझना चाहिए।
टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा "जब कोई सहकर्मी भाजपा की बातें शब्दशः दोहराने लगे, तो आप सोचने लगते हैं- क्या चिड़िया तोता बन रही है? नकल चिड़ियों में प्यारी लगती है, राजनीति में नहीं।" इस पोस्ट में भले ही टैगोर ने थरूर का नाम नहीं लिखा लेकिन इशारा साफ झलक रहा है।
शशि थरूर ने क्या लिखा?
थरूर ने एक मलयाली पत्रिका में 'इमरजेंसी' को लेकर एक तीखा लेख लिखा जिसमें आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि अनुशासन लाने के उद्देश्य से उठाए गए कदम अक्सर क्रूरता में बदल जाते हैं। इस लेख में थरूर ने इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी पर भी निशाना साधा।
थरूर ने लिखा "इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने जबरन नसबंदी अभियान चलाया जो इसका कुख्यात उदाहरण बन गया। गरीब ग्रामीण इलाकों को मनमाने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हिंसा और जबरदस्ती का इस्तेमाल किया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों को बेरहमी से ध्वस्त कर दिया गया और उन्हें खाली करा दिया गया। हजारों लोग बेघर हो गए और उनके कल्याण पर ध्यान नहीं दिया गया।"
थरूर ने अपने लेख में यह भी चेतावनी दी कि सत्ता को केंद्रित करने और असहमति को दबाने और संवैधानिक नियंत्रणों को दरकिनार करने की प्रवृत्ति विभिन्न तरीकों से फिर से उभर सकती है।
इसके साथ ही थरूर ने यह भी लिखा कि लोकतंत्र के रक्षकों को सदैव सतर्क रहना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर पर बने प्रतिनिधमंडल का किया नेतृत्व
इससे पहले थरूर ऑपरेशन सिंदूर के लिए बनाए गए प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे थे और विदेशों में गए थे। हालांकि, कांग्रेस ने उनका नाम नहीं दिया था। इसके अलावा शशि थरूर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ भी करते रहे हैं। इसको लेकर कई कांग्रेस नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शशि थरूर पर निशाना साधते रहे हैं।
बीते महीने थरूर ने भी एक्स पर एक पक्षी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था कि "उड़ने की अनुमति मत मांगो। पंख आपके हैं। और आसमान किसी का भी नहीं।" इस पोस्ट को कांग्रेस के भीतर उनके आलोचकों के लिए एक जवाब के रूप में देखा गया कि थरूर अपना रास्ता खुद तय करेंगे।
थरूर की उसी पोस्ट को दोहराते हुए टैगोर ने एक्स पर लिखा "उड़ने के लिए इजाजत मत मांगो। पंछियों को ऊपर उड़ने की इजाजत नहीं होती। लेकिन आज के जमाने में आजाद पंछी को भी आसमान देखना पड़ता है- बाज, गिद्ध और चील हमेशा शिकार करते रहते हैं। आजादी मुफ्त नहीं होती खासकर जब शिकारी देशभक्ति को पंख बनाकर पहनते हैं।"