'स्टार प्रचारक की लिस्ट में था थरूर का नाम...' केरल कांग्रेस ने उपचुनाव में नहीं बुलाए जाने के दावे को किया खारिज

केरल कांग्रेस प्रमुख सनी जोसेफ ने सनी जोसेफ ने साफ किया कि शशि थरूर का नाम नीलांबूर उपचुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल था। उन्होंने कहा, हमने यह सूची आधिकारिक रूप से जारी की थी और चुनाव आयोग को सौंपी भी थी।

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Photograph: (आईएएनएस)

सांसद शशि थरूर और कांग्रेस नेताओं में मतभेद बढ़ता जा रहा है। थरूर के दावे को शुक्रवार को कांग्रेस की केरल यूनिट के चीफ ने ही खारिज करते हुए झटका दे दिया। उन्होंने बताया कि थरूर का नाम नीलांबुर उपचुनाव में पार्टी के स्टार कैंपनर्स की लिस्ट में शामिल था। थरूर ने गुरुवार को कहा था कि उन्हें उपचुनाव में पार्टी के प्रचार के लिए बुलाया नहीं गया था और वे उस जगह नहीं जाते, जहां उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाता। थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व में कुछ लोगों के साथ मतभेद होने की भी बात स्वीकारी थी।

स्टार प्रचारकों में था थरूर का नाम

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल कांग्रेस प्रमुख सनी जोसेफ ने सनी जोसेफ ने साफ किया कि शशि थरूर का नाम नीलांबूर उपचुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल था। उन्होंने कहा, हमने यह सूची आधिकारिक रूप से जारी की थी और चुनाव आयोग को सौंपी भी थी। इस सूची में शशि थरूर का नाम भी था। हालांकि, वे ज्यादातर समय विदेश में थे, फिर दिल्ली में रहे। मुझे नहीं लगता कि वे केरल आए भी थे। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना है। उन्होंने यह भी कहा कि बाकी सभी नेता आए और चुनाव प्रचार में सहयोग दिया, सिर्फ एके एंटनी को छोड़कर। जोसेफ ने रमेश चेन्निथला और कोडिकुन्निल सुरेश जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम गिनाए और बताया कि उन्होंने उम्मीदवार आर्यादन शौकत के समर्थन में प्रचार किया। जोसेफ की यह प्रतिक्रिया एक दिन बाद आई, जब तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर ने मीडिया से कहा था कि पार्टी ने उन्हें नीलांबूर उपचुनाव प्रचार के लिए बुलाया ही नहीं।

'मुझे प्रचार में नहीं बुलाया'

थरूर ने कहा था, पार्टी ने मुझे आमंत्रित नहीं किया, लेकिन कोई बात नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रचार के अधिकांश समय वे आधिकारिक राजनयिक दौरे पर विदेश में थे।थरूर ने यह भी कहा कि विदेश दौरे से लौटने के बाद भी पार्टी नेतृत्व की ओर से प्रचार में शामिल होने को लेकर कोई विशेष पहल नहीं की गई। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, जब मैं लौटा तो किसी भी नेता की ओर से कोई आग्रह नहीं आया। ना ऐसा कोई कॉल आया कि मुझे प्रचार में आना चाहिए। थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस, उसके मूल्य और उसके कार्यकर्ता उन्हें बहुत प्रिय हैं। मालूम हो कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद, नरेन्द्र मोदी सरकार के रुख का समर्थन करने के कारण थरूर कुछ पार्टी सहयोगियों के निशाने पर रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने 16 वर्ष तक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ निकटता से काम किया है और वह उन्हें अपना करीबी मित्र एवं भाई मानते हैं। थरूर ने कहा, "हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व में कुछ लोगों से मेरी राय अलग है। आप जानते हैं कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं, क्योंकि उनमें से कुछ मुद्दे सार्वजनिक हैं और आपने (मीडिया ने इस बारे में खबरें दी हैं।"

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