स्वर्ण मंदिर पर आर्मी अफसर के दावे को SGPC और मुख्य ग्रंथी ने नकारा, जानें क्या कहा?

पाकिस्तान की ओर से स्वर्ण मंदिर को टारगेट किया गया था। उसके ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था। अब स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस दावे को ही खारिज कर दिया है।

golden temple

Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गोल्डन टेंपल के ऊपर एयर डिफेंस गन्स तैनात की गई थीं। उनका कहना था कि इन गन्स को तैनात करने के लिए मंजूरी मुख्य ग्रंथी और मैनेजमेंट से ली गई थी।

उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की ओर से स्वर्ण मंदिर को टारगेट किया गया था। उसके ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था और फिर उसके हमलों को आसमान में ही नाकाम कर दिया गया। अब स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस दावे को ही खारिज कर दिया है।

मुख्य ग्रंथी ज्ञानी ने नाकारा

ज्ञानी रघबीर सिंह का कहना है कि जिस दौरान परमिशन लेने की बात कही जा रही है, उस समय वह देश में ही नहीं थे। उन्होंने सेना अधिकारी पर ही आरोप लगा दिया कि वह झूठ बोल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने एसपीजीसी से डिमांड की है कि इस मामले में जांच कराई जाए। उनके अलावा अकाल तख्त के कार्य़वाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गारगज का भी कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, जैसा दावा सेना के अधिकारी ने किया है। इसके अलावा एसजीपीसी चीफ का कहना है कि ऐसी कोई परमिशन नहीं ली गई और ना ही ऐसा कोई वाकया हुआ है।

क्या बोले थे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी

इससे पहले वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने स्वर्ण मंदिर पर ड्रोन हमले करने की कोशिश की थी। इन हमलों को रोकने के लिए स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने ही परिसर के भीतर एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी थी।

 भारतीय सेना के वायु रक्षा प्रभारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी'कुन्हा ने बताया कि भारतीय सेना दुश्मन की मिसाइलों और ड्रोन का बेहतर ढंग से पता लगा पाए इसके लिए इतिहास में संभवत: पहली बार स्वर्ण मंदिर की लाइटें भी बंद की गई थीं। इससे भारतीय रक्षा बल दुश्मन के ड्रोन अधिक स्पष्ट रूप से पहचानने और उन्हें मार गिराने में सक्षम हो पाए।

 

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