भुवनेश्वरः सुरक्षाबलों को माओवादियों के खिलाफ सोमवार को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले से 2.5 टन विस्फोटक पदार्थ बरामद किया है। ओडिशा-झारखंड सीमा पर सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ा अभियान चलाया गया था। इसमें राज्य के विशेष अभियान समूह (SOGs), केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), झारखंड की इलीट जैगुअर फोर्स और सुंदरगढ़ जिले का स्वैच्छिक दल शामिल था।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस बारे में एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने करीब 2.5 टन विस्फोटक पदार्थ बरामद किया है जो माओवादियों द्वारा लूटा गया था। माओवादियों ने यह लूट सुंदरगढ़ जिले के के-बलांग क्षेत्र से लूटा था।
अधिकारियों ने क्या बताया?
इस अभियान का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने बताया कि "कुछ विस्फोटक पदार्थ धरती के नीचे जमा किए गए थे और कुछ चट्टानों के नीचे हो सकते हैं। " उन्होंने आगे बताया कि यह अभियान 28 मई से जारी है। माओवादियों ने 27 मई को विस्फोटक पदार्थों से भरा एक ट्रक लूटा था। ये विस्फोटक पदार्थ पत्थर की खदान में विस्फोट के लिए ले जाया जा रहा था।
अधिकारियों ने जंगल से विस्फोटक पदार्थों की बरामदगी की है। हालांकि अधिकारियों ने इसकी सटीक लोकेशन बताने से मना किया है। अधिकारियों ने बताया जहां से ये विस्फोटक बरामद किए गए हैं वह सारंदा जंगल के अंतर्गत आते हैं। यह ओडिशा सीमा से कुछ दूर झारखंड में स्थित है।
इससे पहले शुक्रवार को भी सुरक्षाकर्मियों ने माओवादियों द्वारा लूटे गए कुछ विस्फोटक पदार्थ बरामद किए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी भी हुई थी। 27 मई की के-बलांग क्षेत्र में माओवादियों की बंदूक की नोक पर करीब 4 टन विस्फोटक पदार्थ लूट लिया था। इन पदार्थों में विस्फोटकों के करीब 200 पैकेट थे।
हथियारबंद माओवादियों ने की थी लूट
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ये विस्फोटक पदार्थ ओडिशा-झारखंड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित सारंदा जंगल के तिरिलपोश इलाके से बरामद किया है।
पुलिस के मुताबिक, झारखंड के करीब 30 हथियारबंद माओवादियों ने इन विस्फोटक पदार्थों की लूटमारी की थी। इन्होंने वाहन के चालक को बंधक बनाकर यह लूटमारी की थी।
माओवादियों द्वारा लूटे गए विस्फोटक पदार्थों के बाद ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया था। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने मामले की जांच शुरू की थी।
वहीं, ओडिशा पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की थी।