जोशीमठ में स्कूटी विवाद के बाद भड़की हिंसा, निहंगों ने व्यापारी और पुलिस पर किया हमला, सात गिरफ्तार

पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सात निहंग श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें हरप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह, दूसरा हरप्रीत, बिंदर सिंह, गरजा सिंह, हरजोत सिंह और भोला सिंह शामिल हैं।

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Photograph: (X)

जोशीमठः उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में सोमवार को स्कूटी खड़ी करने को लेकर विवाद हो गया। स्थानीय व्यापारी और निहंग श्रद्धालु आपस में भिड़ गए और जल्द ही यह मामूली विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। आरोप है कि निहंगों ने व्यापारी पर तलवार से हमला करने की कोशिश की। साथ ही मौके पर पहुंचे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (एसएसआई) पर भी धारदार हथियार से वार किया गया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह विवाद गुरुद्वारा के पास स्कूटी निकालने को लेकर शुरू हुआ। चश्मदीदों के अनुसार, बहस इतनी बढ़ गई कि निहंगों ने तलवारें और अन्य धारदार हथियार निकाल लिए। किसी तरह व्यापारी जान बचाकर भाग निकला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक निहंग वहां से निकलकर पुलिस थाने की ओर रवाना हो चुके थे।

पुलिस ने उन्हें थाने के गेट के पास रोक लिया और अंदर बुलाया। इसी दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारी भी थाने पहुंच गए, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

एसएसआई पर हमला 

पुलिस के अनुसार, थाने में पूछताछ के दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। इसी बीच निहंग श्रद्धालु अमृतपाल ने धारदार चाकू से एसएसआई के सिर पर हमला कर दिया, जिससे उन्हें दो गहरी चोटें आईं।

धार्मिक मान्यताओं के तहत निहंग अपने साथ तलवार, कृपाण और अन्य पारंपरिक हथियार रखते हैं, लेकिन इस समूह के पास कुल्हाड़ी, दोधारी तलवार, चाकू और कुल्हाड़ जैसे कई खतरनाक हथियार भी थे, जिन्हें देखकर व्यापारी और पुलिस दोनों सकते में आ गए।

7 गिरफ्तार किए, एक नाबालिग भी शामिल

पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सात निहंग श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें हरप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह, दूसरा हरप्रीत, बिंदर सिंह, गरजा सिंह, हरजोत सिंह और भोला सिंह शामिल हैं। सभी आरोपी पंजाब के फतेहगढ़ जिले के रहने वाले हैं। एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने इस हिंसक घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं- 109(1) (हत्या का प्रयास), 191(2) (दंगा), 193(3) (अवैध सभा की जिम्मेदारी), 352 (शांति भंग की मंशा से अपमान) और 351(3) (आपराधिक धमकी)- के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। एक मामला पुलिस की ओर से, जबकि दूसरा स्थानीय व्यापारियों की ओर से दर्ज किया गया है।

फिलहाल क्षेत्र में पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। 

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