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मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को विधान परिषद में ऐलान किया कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू, बौद्ध या सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म से संबंध रखते हुए फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाणपत्र प्राप्त करता है, तो उसका प्रमाणपत्र रद्द किया जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी।
फड़नवीस ने कहा कि यदि ऐसे व्यक्ति ने आरक्षण का लाभ उठाकर सरकारी नौकरी पाई है या चुनाव जीता है, तो उसकी नौकरी और चुनाव दोनों अमान्य घोषित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2024 के फैसले में स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण केवल हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अनुयायियों को ही मिलेगा।
विधान परिषद में प्रस्ताव को लेकर सीएम फड़नवीस ने कहा कि सरकार जबरन या धोखे से कराए गए धर्मांतरण के मामलों से सख्ती से निपटने के लिए सख्त प्रावधान लाने जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। राज्य सरकार अब उस रिपोर्ट का अध्ययन कर आगामी सत्र में कड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है।
भाजपा विधायक अमित गोरखे ने सदन में आरोप लगाया कि कुछ “क्रिप्टो ईसाई” (ऐसे लोग जो बाहर से SC समुदाय से दिखते हैं लेकिन अंदर ही अंदर ईसाई धर्म मानते हैं) अनुसूचित जाति आरक्षण का गलत लाभ उठा रहे हैं। फड़नवीस ने कहा कि इस तरह के मामलों में सरकार सत्यापन के बाद संबंधित प्रमाणपत्र रद्द करेगी और यदि किसी ने सरकारी लाभ उठाया है तो उनसे वसूली भी की जाएगी।
भाजपा नेता चित्रा वाघ ने एक दिल दहलाने वाला मामला भी सदन में उठाया जिसमें सांगली की एक महिला की सात माह की गर्भावस्था के दौरान मौत हो गई। आरोप है कि महिला की शादी एक ऐसे परिवार में हुई जो गुप्त रूप से ईसाई धर्म मानता था। बाद में उसे धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित किया गया।
फड़नवीस ने स्पष्ट किया कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म परिवर्तन की स्वतंत्रता देता है, लेकिन यदि जबरदस्ती, धोखे या लालच के जरिए धर्म परिवर्तन कराया गया तो ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने पर कोई रोक नहीं लगाएगी, लेकिन जबरदस्ती, धोखे या संगठित अभियान के जरिए हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून जरूरी है। सोमवार को राज्य के गृह राज्यमंत्री पंकज भोंयर ने भी संकेत दिया था कि महाराष्ट्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में अन्य राज्यों से अधिक कड़ा धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी।
भाजपा नेता प्रवीण डेरेकर ने भी आरोप लगाया कि गरीब बस्तियों और झुग्गियों में गुप्त धर्मांतरण अभियान चल रहे हैं। इस पर फड़नवीस ने स्वीकार किया कि इस तरह की गतिविधियां होती हैं और सरकार इन पर नजर रख रही है। उन्होंने दोहराया कि सहमति से किए गए धर्मांतरण पर सरकार की कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी भी तरह के छल, प्रलोभन या दबाव से कराए गए धर्मांतरण पर कार्रवाई की जाएगी।