राहुल गांधी Photograph: (आईएएनएस)
पुणे: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की एक अदालत में दायर याचिका में दावा किया है कि विनायक दामोदर सावरकर पर उनकी टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में उन्हें शिकायतकर्ता से जान का खतरा है। अपनी याचिका में, गांधी ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए हाल के राजनीतिक मुद्दों और सावरकर पर उनकी पुरानी टिप्पणियों के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंकाएं हैं।
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता सत्याकी सावरकर, महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सीधे वंशज हैं। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता के वंश का "हिंसा और संविधान विरोधी प्रवृत्तियों से जुड़ा एक दस्तावेजित इतिहास" है। राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, "इतिहास खुद को दोहराने की अनुमति नहीं देना चाहिए।"
कानूनी कार्यवाही की निष्पक्षता पर भी सवाल
राहुल गांधी के वकील ने अदालत में दायर अपने आवेदन में यह भी कहा कि "यह सिर्फ एक प्रक्रियात्मक औपचारिकता नहीं है, बल्कि मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए राहुल गांधी की सुरक्षा और इन कार्यवाही की सत्यनिष्ठा से सीधे तौर पर जुड़ी एक सुरक्षात्मक और एहतियाती कार्रवाई है।"
याचिका में आशंका जताई गई है कि चूंकि शिकायतकर्ता के 'तथाकथित दादा' के अनुयायी अभी सत्ता में हैं, इसलिए सत्याकी सावरकर "मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठाकर अदालत पर बाहरी दबाव डालने" की कोशिश कर सकते हैं।
क्या है मामला?
यह मानहानि का मामला 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान दिए गए एक भाषण से जुड़ा है। गांधी ने कथित तौर पर सावरकर को "अंग्रेजों का सेवक" कहा था, जिन्हें औपनिवेशिक सरकार से पेंशन मिलती थी।
गांधी ने अपनी याचिका में बताया कि उन्हें हाल ही में संसद में दिए गए 'वोट चोर सरकार' के नारे और चुनावी धांधली के सबूत पेश करने के बाद भी खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा नेताओं, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह से "दो सार्वजनिक धमकियाँ" मिली हैं, जहाँ उन्हें "देश का नंबर एक आतंकवादी" कहा गया था।
राहुल गांधी ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर पूरा भरोसा जताते हुए भी यह अपील की कि कोर्ट को इस मामले की कार्यवाही के दौरान उनके आसपास की प्रभावशाली ताकतों और असाधारण परिस्थितियों के प्रति सचेत रहना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होनी है।