संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़ा कुआं मिला है। इसे देखने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम भी पहुंची। यह कुआं सराय तरीन में स्थित है और संभल जिले में अब तक पाया गया सबसे बड़ा कुआं माना जा रहा है।
संभल के जिला अधिकारी (डीएम) राजेंद्र पैंसिया ने गुरुवार को इस कुएं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह कुआं जनपद के सबसे बड़े कुएं में से एक है। उनका कहना था कि यह कुआं वाकई देखने लायक है। इसके आसपास मोहल्ला दरबार लगता था, जब स्थानीय निवासियों से पूछा गया तो पता चला कि यहां कभी टोंक राजा का दरबार लगता था।
दरबार का महल और कुआं एक-दूसरे के पास स्थित है। कुएं को कुछ लोगों द्वारा अपनी निजी संपत्ति बताने को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह सारी चीजें बहुत पुरानी हो चुकी हैं। कई चीजें ऐतिहासिक महत्व की हैं, चाहे वह किसी के नाम पर हों या न हों।
महत्वपूर्ण यह है कि यह स्थल पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भले ही इन संपत्तियों का स्वामित्व किसी व्यक्ति के पास हो, लेकिन उनका ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बुधवार को शुरु हुई थी खुदाई
बता दें कि बुधवार को संभल में हरिहर मंदिर के पास एक और प्राचीन कूप की खुदाई का काम प्रशासन ने शुरू कराया था। इस कूप को कुछ साल पहले मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था। संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया था कि कूप के आसपास के लोगों ने जानकारी दी है कि यहां कूप को अवैध रूप से छिपा दिया गया था।
इस कूप के अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। आस पास के बुजुर्गों ने भी बताया था कि यह कूप सैकड़ों वर्ष पुराना है।
स्थानीय निवासी संजय पोली की मानें तो यह कूप प्राचीन कूपों में से एक है, यह जो 19 कूप बताए जा रहे हैं, उनमें से एक है। यह हरिहर मंदिर के निकट है। इसी कारण यह बहुत ही पूजनीय स्थल में शामिल रहा है। उनके अनुसार पहले महिलाएं मां बनने या शादी के बाद नई बहू के पूजन के लिए यहां आती थीं।
लोगों ने याचिका डालकर निवेदन किया था। उसके बाद कूप को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। उम्मीद है कि कूप लोगों को मिलेगा।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)