संभलः यूपी के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में 2,500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसमें संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है।
मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए संभल एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि रविवार को मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट-आदेशित सर्वे के दौरान हिंसा भड़कने के बाद केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में 2,500 लोगों के खिलाफ सात एफआईआर दर्ज की गई हैं।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने आरोप लगाया कि यह घटना पूर्व नियोजित थी और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। डीएम और एसपी को सर्वे करना चाहिए था। हमें जुमे की नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई, और ये लोग जय श्री राम के नारे लगाते हुए पहुंचे।”
सपा सांसद ने कहा कि जिस प्रकार से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। जब संसद ने 1991 में एक कानून बना दिया है कि 1947 से पहले के जितने भी धार्मिक स्थल अस्तित्व में है, उनके साथ किसी प्रकार की कोई छेड़खानी नहीं होगी, लेकिन इसके बावजूद जगह-जगह याचिकाएं दायर की जा रही हैं और उसी दिन आदेश भी दिए जा रहे हैं।”
हिंसा के दौरान हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहींः अखिलेश यादव
उधर, अपने सांसद पर एफआईआर दर्ज होने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया को बताया कि “हमारे सांसद जियाउर्रहमान बर्क संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। सपा प्रमुख ने कहा कि यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है। कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए…23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगले दिन 24 तारीख को दोबारा सर्वे किया जाएगा। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया?…
#WATCH दिल्ली: संभल में पथराव की घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई…यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है…कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और… pic.twitter.com/J6pUTCkQcb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2024
अखिलेश यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया…इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है। इससे कई लोग घायल हो गए। 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई।
अखिलेश ने संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके…”
संभल हिंसा से जुड़े 10 बड़े अपडेट
1. रविवार को उस समय हिंसा भड़क उठी जब प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय शाही मस्जिद के सर्वे का विरोध किया। यह सर्वे कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिशन ने किया था, जिसके तहत यह दावा किया गया था कि मुग़ल काल की यह मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और वाहनों को आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सुबह 7 बजे शुरू हुआ तनाव कई घंटों तक जारी रहा।
2. इस हिंसा में चार लोग मारे गए, जिनकी पहचान नौमान, बिलाल, नाइम और मोहम्मद कैफ के रूप में की गई है। जबकि यह आरोप है कि मृतकों को गोली लगी थी, पुलिस ने कहा कि मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा।
3. पुलिस ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गोलीबारी की और एक पुलिस अधिकारी के पैर में गोली लगी। एक अन्य अधिकारी को पेलेट से चोटें आईं और 15 से 20 सुरक्षा कर्मी हिंसा में घायल हुए। एक और पुलिसकर्मी को सिर में गंभीर चोट आई, जबकि उपकलेक्टर का पैर फ्रैक्चर हो गया।
4. वीडियो में दिखाया गया कि प्रदर्शनकारी शाही जामा मस्जिद के सामने स्थित इमारतों से पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंक रहे थे। बाद में पुलिसकर्मी एक संकरी गली में बड़े जनसमूह को तितर-बितर करने की कोशिश करते हुए लोगों को कोने में धकेलते और पीटते हुए नजर आए।
5. रविवार शाम को जिला प्रशासन ने 24 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। सभी स्कूलों और कॉलेजों को आज बंद रखा गया है, और बड़े जनसमूहों पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासन ने पत्थर, सोडा की बोतलें या कोई भी ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री खरीदने और जमा करने पर भी रोक लगाई है। किसी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या सार्वजनिक प्रतिनिधि को भी 30 नवम्बर तक बिना अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
6. विपक्षी पार्टियों ने इस हिंसा के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सीधे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई, इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी-आरएसएस की “सुनियोजित साजिश” का भयावह परिणाम करार दिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार और प्रशासन ने चुनावी गड़बड़ियों से ध्यान भटकाने के लिए यह हिंसा योजना बनाई।
7. बीजेपी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद से इंडिया गठबंधन अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। पार्टी ने कहा कि जो लोग न्यायिक आदेशों से सहमत नहीं हैं, उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। एक पार्टी प्रवक्ता ने इंडिया ब्लॉक को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया।
8. 19 नवंबर से संभल में तनाव बढ़ रहा था, जब एक स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही मस्जिद का सर्वे किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि इस स्थान पर कभी हरिहर मंदिर था। पुलिस ने कहा कि पहला सर्वे अधूरा था, जिसके बाद रविवार को दूसरा सर्वे किया गया। हालांकि हिंसा के बीच, एडवोकेट कमिशन ने रविवार को सर्वे पूरा किया।
9. अधिकारियों ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए एक मजिस्ट्रेटीयल जांच की जाएगी। इस हिंसा में 25 लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
10. याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से “मंदिर” का नियंत्रण लेने का आग्रह किया है। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि जो मंदिर कभी इस स्थल पर खड़ा था, उसे मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में तोड़ दिया था।