हिमानी नरवाल Photograph: (Social Media)
रोहतक: कांग्रेस नेता हिमानी मर्डर केस में आरोपी सचिन को पुलिस ने सोमवार को जिला कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट ने आरोपी को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ करने के लिए सात दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी अमित श्योराण की कोर्ट ने आरोपी सचिन को सिर्फ तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।
इन सब के बीच, हिमानी के परिजनों को हिमानी का शव सौंप दिया गया, जिसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इससे पहले मृतका की मां सविता ने कहा था कि अगर मेरी बेटी को न्याय नहीं मिला तो मैं उसका अंतिम संस्कार नहीं करूंगी। हालांकि, बाद में परिवार तैयार हो गया।
हिमानी नरवाल का हुआ अंतिम संस्कार
कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल का आज सोमवार को अंतिम संस्कार हो गया है। शाम करीब सवा 5 बजे वैश्य कालेज के नजदीक शिव धाम शमशान घाट पर संस्कार हुआ। परिवार के लोग और करीबी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल हुए। भाई जतिन ने बहन हिमानी को मुखाग्नि दी। कांग्रेस मेयर पद प्रत्याशी सूरजमल किलोई समेत कुछ स्थानीय कांग्रेस नेता भी अंतिम यात्रा में शरीक हुए। दोपहर बाद हिमानी के शव को मोर्चरी से निकालकर पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द किया था।
क्या बोली कांग्रेस नेता हिमानी की मां?
हिमानी की मां ने कहा था कि मेरी बेटी 18 तारीख को एक कार्यक्रम में जाने के लिए घर पर तैयार थी, लेकिन उसके बाद के घटनाक्रम से मैं हैरान हूं। मेरी बेटी मुझसे कुछ नहीं छुपाती थी। मुझे अपनी हर बात बताती थी। वो मुझे पैसों से संबंधित बात भी बताती थी। यहां तक कि पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता भी मेरी बेटी को पैसे देने के लिए तैयार रहते थे। लेकिन, मेरी बेटी ने आज तक किसी से कोई मदद नहीं ली। मेरी बेटी अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए संघर्ष कर रही थी। उसने फीस भरने के लिए समय भी मांगा था और कहा था कि मैं नौकरी खोज रही हूं। मुझे नौकरी मिल जाएगी तो मैं फीस भर दूंगी।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि शनिवार को हरियाणा के रोहतक जिले के सांपला बस स्टैंड पर एक सूटकेस में 22 वर्षीय कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल का शव बरामद हुआ। सूटकेस में शव पाए जाने से इलाके में हड़कंप मच गया और स्थानीय पुलिस ने तुरंत शव को कब्जे में ले लिया। बाद में मृतका की पहचान कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हिमानी नरवाल के रूप में हुई, जो युवा नेता के तौर पर क्षेत्र में सक्रिय थीं।