नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि 1984 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC421 के हाईजैक के दौरान उनके पिता भी उसी विमान में सवार थे। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि “मैं उस टीम का हिस्सा था जो इस घटना से निपट रही थी। अपहरण के 3-4 घंटे बाद मुझे पता चला कि मेरे पिता भी उस फ्लाइट में हैं।”
यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब नेटफ्लिक्स की विवादित सीरीज़ ‘IC 814: द कंधार हाइजैक’ को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इससे जुड़े सवाल पर जयशंकर ने कहा कि फिल्म नहीं देखी है, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन 1984 में एक विमान अपहरण हुआ था। मैं बहुत युवा अधिकारी (1979 में आईएफएस में शामिल हुए थे) था। मैं उस टीम का हिस्सा था जो इस मामले से निपट रही थी। जयशंकर ने बताया कि अपहरण के 3-4 घंटे बाद मैंने अपनी मां को फोन करके बताया कि मैं नहीं आ सकता, अपहरण हो गया है। और फिर मुझे पता चला कि मेरे पिता भी विमान में हैं।
1984 अपहरण घटना के दौरान जयशंकर की दोहरी भूमिका
जयशंकर ने कहा, “सौभाग्य से, इस अपहरण में किसी की जान नहीं गई। यह अनुभव दिलचस्प था क्योंकि मैं एक तरफ उस टीम का हिस्सा था जो अपहरण से निपट रही थी, और दूसरी तरफ एक परिवार का सदस्य था जो सरकार पर दबाव डाल रहा था।” उन्होंने इस घटना को लेकर फिल्म निर्माताओं पर भी तंज कसा और कहा, “फिल्मों में अक्सर सरकार को अच्छा नहीं दिखाया जाता, क्योंकि हीरो को अच्छा दिखाना होता है, तभी लोग फिल्म देखेंगे।”
#WATCH | Geneva: On ‘IC 814: The Kandahar Hijack’ Netflix web series, EAM Dr S Jaishankar says, “I haven’t seen the film, so I don’t want to comment. In 1984, there was a hijacking. I was a very young officer. I was part of the team which was dealing with it. After 3-4 hours of… pic.twitter.com/tGMX4MP5nl
— ANI (@ANI) September 13, 2024
क्यों किया गया था विमान आईसी 421 को हाईजैक
24 अगस्त 1984 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 421, जो दिल्ली से श्रीनगर जा रही थी, को अपहरण कर लिया गया। इस विमान में चंडीगढ़ और जम्मू में रुकने की योजना थी, लेकिन चंडीगढ़ में लैंडिंग के तुरंत बाद सात अपहरणकर्ताओं ने कॉकपिट पर कब्जा कर लिया। हाईजैकर्स प्रतिबंधित ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े थे। उन्होंने आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और अन्य की रिहाई की मांग की। यह अपहरण करीब 36 घंटे तक चला था।
के. सुब्रह्मण्यम कौन थे?
एस. जयशंकर के पिता, डॉ. के. सुब्रह्मण्यम, भी एक प्रमुख सिविल सेवक थे। उन्हें भारत के सामरिक मामलों के क्षेत्र में एक प्रमुख विचारक माना जाता था और उन्होंने भारत की परमाणु नीति के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। वह करगिल युद्ध समीक्षा समिति और भारत की परमाणु नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष भी रहे। 2011 में उनका निधन हो गया।
‘आईसी 814: द कंधार हाइजैक’ सीरीज पर विवाद
नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाइजैक’ को आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसमें 1999 के अपहरण में शामिल आतंकवादियों की पहचान को बदलने का आरोप है। विवाद बढ़ने के बाद नेटफ्लिक्स ने सीरीज में डिस्क्लेमर जोड़ने और असली आतंकवादियों के नामों का उल्लेख करने पर सहमति जताई। आलोचकों ने सीरीज पर पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम बदलने और वास्तविकता को छिपाने का आरोप लगाया। इस शो में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, दिया मिर्जा और अरविंद स्वामी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अभिनय किया है।