नई दिल्ली: कांग्रेस की विदेश इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा के बयान पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है। सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए। पित्रोदा के इस बयान के बाद से बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी पर चीन के प्रति जुनूनी मोह का आरोप लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के बयान को गलवान के शहीदों का अपमान बताया है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। लेकिन, कुछ शक्तियां इसे प्रभावित करने में लगी हुई है। ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने आज चीन को लेकर आज जिस प्रकार का बयान दिया है, उससे यह बात बहुत साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ हुए करार का इजहार वो दिनदहाड़े कर दिया है।
बीजेपी ने उठाए सवाल
सांसद त्रिवेदी ने कहा, " गंभीर बात ये है कि जिस प्रकार की बात सैम पित्रोदा ने कही है, वो भारत की अस्मिता, कूटनीति और भारत की संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है उन्होंने (पित्रोदा) कहा है कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, यानी भारत ही आक्रामक मुद्रा लिए हुए है? भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विश्व के हर देश के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध चाहती है। लेकिन, राष्ट्रीय स्वाभिमान, सुरक्षा और सुदृढ़ता हमारे लिए सर्वोपरि है।"
पित्रोदा के बयान को उन्होंने गलवान के शहीदों का अपमान बताया। राज्यसभा सांसद ने पूछा, " क्या यह गलवान के शहीदों का अपमान नहीं है? गलवान में हमारे सैनिक शहीद हो गए। लेकिन, इसके बावजूद अगर कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख इस तरह की भाषा बोलता है, तो यह निंदनीय है। यह भारतीय सेना के बलिदान का घनघोर अपमान है।"
राहुल गांधी चीन के एजेंट: प्रदीप भंडारी
बीजेपी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी को 'चीनी एजेंट' बताया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी, जॉर्ज सोरोस- चीन के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। साल 2008 का गुप्त एमओयू जो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना और कांग्रेस पार्टी के बीच हुआ था, इसका उदाहरण है। उस गुप्त एमओयू को कांग्रेस पार्टी ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। डोकलाम विवाद के वक्त राहुल गांधी चोरी-चोरी चीन के राजदूत से मिल रहे थे।"
उन्होंने आगे कहा, "अपने संसद भवन के भाषण में राहुल गांधी ने 34 बार चीन का जिक्र किया। इतनी बार तो उन्होंने भारत का भी जिक्र नहीं किया था। सैम पित्रोदा का बयान यह स्पष्ट करता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का चीन के प्रति सॉफ्ट कार्नर है। आज यह स्पष्ट हो चुका है कि राहुल गांधी और उनके हर करीबी का बयान एक ही पैटर्न पर आता है। आज राहुल गांधी को चीन, जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेट के इंटरेस्ट के एजेंट के रूप में भारत की जनता देख रही है, न कि भारत के नेता प्रतिपक्ष के रूप में। इसलिए जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो राहुल गांधी किसी विदेशी ताकत का पक्ष लेते हुए नजर आते हैं। या भारत की अखंडता या संप्रभुता पर सवाल उठाते दिखते हैं। राहुल गांधी के दाहिने हाथ के आदमी, सैम पित्रोदा के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस, डीप स्टेट और चीन के रिमोट कंट्रोल में हैं।"
कांग्रेस ने किया किनारा
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के 'चीन हमारा दुश्मन नहीं' वाले बयान से कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सैम पित्रोदा के बयान को उनकी अपनी राय बताया है। उन्होंने कहा कि चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि चीन ना तो हमारी सीमा में घुसा है और ना ही हमारी पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
जयराम रमेश ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं। चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं। जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गई क्लीन चिट भी शामिल है। चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी 2025 को जारी किया गया था। यह भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद को इस स्थिति पर चर्चा करने और इन चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।''
क्या बोले सैम पित्रोदा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा कि चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। अब समय आ गया है कि हम पड़ोसी देश को पहचानें और उसका सम्मान करें। पित्रोदा ने भारत-चीन संबंधों पर कहा कि भारत को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और यह धारणा छोड़ने की जरूरत है कि चीन दुश्मन है। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण हमेशा से टकराव वाला रहा है, जो दुश्मनी पैदा करता है, सोचने का यह तरीका बदलना चाहिए, यह जरूरी नहीं कि हम हमेशा चीन को दुश्मन मानें और यह सिर्फ चीन के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए होना चाहिए।
सैम पित्रोदा ने कहा, "मुझे नहीं पता कि चीन से क्या खतरा है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, क्योंकि अमेरिका को हमेशा दुश्मन की पहचान करनी होती है।"कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अब सभी देशों को एक साथ आने का समय है। हमें सीखने, संवाद बढ़ाने, सहयोग करने और मिलकर काम करने की जरूरत है, हमें 'कमांड और कंट्रोल' की मानसिकता से बाहर निकलना होगा।
उन्होंने कहा, "चीन चारों ओर है... चीन बढ़ रहा है... हमें इसे पहचानना और समझना होगा। हर देश आगे बढ़ रहा है, कुछ तेजी से, कुछ धीमे। जो बहुत गरीब हैं, उन्हें तेजी से बढ़ना होगा, और जो संपन्न हैं, उनकी वृद्धि धीमी होगी। जो विकसित हैं, उनकी आबादी बुजुर्ग होगी, जबकि विकासशील देशों की आबादी युवा होगी। हमें इन सब चीजों को एक साथ देखना होगा।"