आरजी कर रेप और मर्डर केस: संदीप घोष को जमानत, 90 दिन में चार्जशीट नहीं दाखिल कर पाई CBI

संदीप घोष पर वित्तीय अनियमितताओं के भी मामले हैं। इस मामले में जमानत नहीं मिली है। इसलिए वे जेल में अभी रहेंगे।

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Kolkata: Former principal Dr Sandip Ghosh being taken from CBI Special Court

डॉ. संदीप घोष (Photo: IANS)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में हॉस्पिटल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को जमानत मिल गई है। सियालदह की एक स्थानीय अदालत ने संदीप घोष सहित ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी जमानत दी है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अनिवार्य 90 दिन की अवधि के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं करने के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत दी है।

मिली जमानत पर जेल में रहेंगे संदीप घोष

अदालत ने फिलहाल संदीप घोष को बलात्कार-हत्या के मामले में 2000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। अभिजीत मंडल को भी इतने ही रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई द्वारा बुलाए जाने पर आरोपियों को जांच एजेंसी के सामने पेश होना होगा। हालांकि, संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक अन्य मामले में फिलहाल जेल में ही रहेंगे।

संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे में भ्रष्टाचार जैसे आरोप शामिल हैं।

वहीं, अदालत में सीबीआई ने बताया कि आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ उसकी जांच अभी भी जारी है।

आरजी कर अस्पताल केस: क्या था मामला?

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में इसी साल 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ मर्डर से पहले रेप की बात सामने आई। इसके बाद इस घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। डॉक्टर और देश भर के अस्पतालों के कर्मचारी कई दिनों तक हड़ताल और प्रदर्शन करते रहे।

कोलकाता पुलिस पर जांच में लापरवाही के आरोप लगे। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार भी इस घटना को लेकर मुश्किलों में घिरी दिखी। बाद में मामले को सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई से पहले कोलकाता पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी के तौर पर संजय रॉय नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था।

बाद में सीबीआई ने मामले में सबूत नष्ट करने के आरोप में अस्पताल के प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, पूर्व पुलिस अधिकारी मंडल पर आर जी कर अस्पताल के डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में कथित देरी का आरोप लगाया गया है।

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