कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट के पूर्व प्रत्याशी देवाशीष जरारिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस में नेताओं ने मेरी राजनीतिक हत्या की जिम्मेदारी ले रखी है।
देवाशीष जरारिया ने साल 2019 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार भिंड संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उनके स्थान पर फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया है, जिससे वे नाराज बताए जा रहे हैं।
पार्टी को छोड़ने वाले प्रवक्ताओं में केवल देवाशीष जरारिया ही नहीं बल्कि कई और नाम भी शामिल है जिन्होंने कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दावन थाम लिया है। कांग्रेस के साथ काम करने वाले कई प्रवक्ताओं ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जो प्रवक्ता पार्टी छोड़ चुके हैं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी की लीडरशिप कार्यकर्ता और नेताओं से दूरी बनाए रखती है। ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम उन प्रवक्ताओं के बारे में जान लेते हैं जो पहले कांग्रेस के लिए काम करते थे और अब वे भाजपा और अन्य पार्टियों का हिस्सा बन गए हैं।
रीता बहुगुणा जोशी से शुरू हुआ था सिलसिला
आपको बात दें कि साल 2016 में रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस छोड़ा था और भाजपा में शामिल हुई थीं। उन्होंने पार्टी छोड़ते हुए कांग्रेस के मौजूदा लीडरशिप पर सवाल उठाया था और कहा था कि सोनिया गांधी पार्टी के सीनियर नेताओं की सुनती थी और उन्हें खुल कर काम करने की आजादी देती थी लेकिन राहुल गांधी के लीडरशिप में उन्हें ऐसा होता नहीं दिखा था।
साल 2017 में शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा ज्वाइन कर लिया था। पार्टी छोड़ने के बाद पूनावाला ने आरोप लगाया था कि उन्हें वंशवाद पर बोलने के लिए मना किया जाता था।
इनके बाद 2019 में कांग्रेस में प्रवक्ता रह चुकी प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पार्टी छोड़ दिया था। वे बाद में शिवसेना ज्वाइन कर ली थीं और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद के तौर पर मनोनीत किया था, जिस पर अभी भी वह कायम हैं।
साल 2019 में कांग्रेस प्रवक्ता टॉम बडक्कन ने भी पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में चले गए थे। पार्टी छोड़ने के पीछे उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर कांग्रेस स्टैंड को कारण बताया था। बता दें कि अभी टॉम वडक्कन बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता है।
हाल में गौरव वल्लभ ने छोड़ा है पार्टी
साल 2022 में जयवीर शेरगिल ने भी कांग्रेस को छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे पिछले एक साल से गांधी परिवार से मुलाकात करने की कोशिश की थी लेकिन कोई भी उनसे मिला नहीं।
ऐसे में हाल में कांग्रेस के लोकप्रिय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी पार्टी छोड़ दी। वे अपने तीखे सवालों से भाजपा पर हमलावर हुआ करते थे।
पार्टी को छोड़ने के बाद गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरीके से पार्टी राम मंदिर में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपना स्टैंड लिया था और जिस तरीके से कांग्रेस देश के वेल्थ क्रिएटर्स को निशाना बना रही है। इस बात से वे काफी नाराज हुई थे और इस कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी है।