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नई दिल्लीः भारत इस वर्ष अपने गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। रविवार को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, जिसके लिए तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। इस दिन दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झंडा फहराएंगी।
वहीं, कर्तव्य पथ पर परेड का आयोजन किया जाएगा। 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान ग्रहण किया था और इस दिन से भारत को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया में पहचान मिली।
गणतंत्र दिवस का यह समारोह रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल वार मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित करने से शुरू होगा। इसके बाद राष्ट्रपति औपचारिक मार्च पास्ट को देखने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचेंगी।
इस मार्च पास्ट में सशस्त्र बलों के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां शामिल होती हैं। इसके साथ ही सहायक नागरिक बलों जैसे राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की टुकड़ियां भी हिस्सा लेती हैं।
सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली इस परेड में भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया जाता है। इस परेड में सांस्कृतिक और देशभक्ति के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के झंडा रोहण करने से होती है। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह परेड एक ऐतिहासिक रूट पर जाती है। राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर कर्तव्य पथ से होते हुए इंडिया गेट जाती है और लाल किले पर समाप्त होती है।
पीआईबी के अनुसार, इस बार भारतीय सशस्त्र बलों की 160 सदस्यीय टुकड़ी के अलावा इंडोनेशिया की 190 सदस्यीय बैंड दल शामिल होगी। हर वर्ष भारत गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि को बुलाता है। इस बार मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस में शामिल होंगे। वह गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए 25 जनवरी को भारत पहुंचेगे। उनका दौरा दो दिन का आधिकारिक दौरा होगा।
राज्यों की शामिल होंगी झांकियां
इसके अलावा, भारतीय राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और भारत सरकार के मंत्रालयों/ विभागों की 31 झांकियां भी शामिल होंगी। ये झांकियां "स्वर्णिम भारतः विरासत और विकास" थीम के अंतर्गत भाग लेंगी। झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं।
इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों की विशेषता भी इनमें लक्षित होती है। झांकियों के प्रदर्शन के बाद राष्ट्रगान होगा और फिर 75वें वर्ष की थीम वाले बैनर और गुब्बारे छोड़े जाएंगे। आखिर में 47 विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ इसका समापन होगा।
राष्ट्रपति देती हैं पुरस्कार
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति विशिष्ठ व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित करती हैं। ये पुरस्कार राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाली शख्यिसतों को दिया जाता है।
इसके अलावा भारत रत्न, वीरता पुरस्कार और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार भी उनकी अनुकरणीय उपलब्धियों को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं। इस दिन 5 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को भी प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। ये पुरस्कार उनकी उत्कृष्टता और योगदान को मान्यता देते हैं।