Reliance एयरोस्ट्रक्चर और दसॉ भारत में बनाएंगे लक्जरी Falcon 2000LXS जेट

रिलाइंस और दसॉ ने बुधवार को एक समझौते की घोषणा की जिसके तहत अब फॉल्कन 2000LXS जेट नागपुर में बनाए जाएंगे। इससे भारत अब अमेरिका, फ्रांस जैसे विशिष्ट देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जो अगली पीढ़ी के विमान बना रहे हैं।

RELIANCE AEROSTRUCTURE AND DASSAULT TO BUILD LUXURY FALCON 2000LXS JETS IN INDIA

रिलाइंस और दसॉ भारत में बनाएंगी लक्जरी जेट Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः फॉल्कन 2000LXS (Falcon 2000LXS) बिजनेस जेट पहली बार फ्रांस से बाहर बनेंगे। इन्हें भारत में बनाया जाएगा। इसके लिए फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन और रिलाइंस एरोस्ट्रक्चर लिमिटेड ने बुधवार को इसकी घोषणा की है। इसके तहत नागपुर में लक्जरी विमान बनाए जाएंगे। 

रिलाइंस (Reliance) और दसॉ के बीच यह समझौता पेरिस एयर शो के दौरान हुआ। एक फॉल्कन 2000LXS विमान 8 से 10 यात्रियों को ले जाने में सक्षम है। 

नागपुर से 2028 में होगी पहली उड़ान

फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी ने कहा कि भारत में निर्मित पहले विमान की उड़ान दसॉ रिलाइंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) नागपुर से 2028 में होगी। डीआरएएल दसॉ की अनिल अंबानी की कंपनी रिलाइंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है। हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस समझौते के तहत नई असेंबली लाइन में सालाना 24 जेट बनाए जाएंगे।

डीआरएएल की स्थापना साल 2017 में नागपुर एयरपोर्ट के पास की गई थी। डीआरएएल पहले ही भारत में जेट बनाने की योजना तैयार कर रही थी लेकिन कोविड-19 (कोरोनावायरस) महामारी के चलते इसमें देरी हुई।

इस बाबत दसॉ एविएशन ने एक बयान जारी कर कहा "ऐसा पहली बार है जब दसॉ एविएशन फ्रांस से बाहर फॉल्कन 2000 विमानों का निर्माण करेगी जिससे भारत का एक रणनीतिक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित होगा।" इसके साथ ही इस बयान में यह भी कहा गया कि भारत अब अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील सहित अगली पीढ़ी के विमान बनाने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। 

दसॉ और टाटा के बीच साझेदारी

दोनों कंपनियों के बीच यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हुआ है जब इसी महीने दसॉ एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने साझेदारी की घोषणा की थी। इस साझेदारी के तहत हैदराबाद में एक केंद्र स्थापित किया जाएगा जहां पर राफेल का धड़ बनाया जाएगा। इस कदम को सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट 'मेक इन इंडिया' की एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है। लड़ाकू विमान का धड़ भी पहली बार ही भारत से बाहर बनाया जाएगा।

वहीं, इस समझौते के बारे में रिलाइंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा है कि यह समझौता पीएम नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के दृष्टिकोण को डीआरएएल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

वहीं, दसॉ एविएशन ने कहा है कि दोनों कंपनियों के बीच इस साझेदारी में फॉल्कन 2000LXS जेट के पूर्ण धड़ का हस्तांतरण होगा और प्रमुख सुविधा के उन्नयन के साथ-साथ विंग असेंबली संचालन भी शामिल है। दसॉ ने कहा कि यह फॉल्कन 8X और फॉल्कन 6X बिजनेस जेट के अगले हिस्से की असेंबली को भी स्थानांतरित करेगा।

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