नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ की असली वजह क्या रही? RPF की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

आरपीएफ की रिपोर्ट में बताया गया कि उस दिन प्लेटफॉर्म 12 से 16 तक भीड़ से पूरी तरह भरे हुए थे। अधिकतर यात्री प्रयागराज में महाकुंभ की यात्रा पर जा रहे थे। रात 8 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस के रवाना होने के बाद...

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Photograph: (IANS)

नई दिल्लीः 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे की सूचना देने में 40 मिनट की देरी हुई थी जिसकी वजह से हालात और बिगड़ गए थे। इस हादसे में कुल 18 लोगों की मौत हुई जिनमें महिलाओं और बच्चे शामिल हैं।

रेलवे के आधिकारिक बयान के अनुसार, भगदड़ रात 9:15 बजे हुई, जबकि दिल्ली फायर सर्विसेज का कहना है कि उन्हें दिल्ली पुलिस से पहला कॉल 9:55 बजे मिला। हालांकि, इंडिया टुडे टीवी ने RPF की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि भगदड़ 8:48 बजे हुई थी और इसकी जानकारी ऑन-ड्यूटी स्टेशन इंचार्ज को तुरंत दे दी गई थी।

प्लेटफॉर्म पर पहले से थी भारी भीड़

आरपीएफ की रिपोर्ट में बताया गया कि उस दिन प्लेटफॉर्म 12 से 16 तक भीड़ से पूरी तरह भरे हुए थे। अधिकतर यात्री प्रयागराज में महाकुंभ की यात्रा पर जा रहे थे। रात 8 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस के रवाना होने के बाद प्लेटफॉर्म 12 पर भारी संख्या में यात्री इकट्ठा हो गए थे।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्टेशन निदेशक और आरपीएफ के असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अपने-अपने स्टाफ के साथ फुटओवर ब्रिज 2 और 3 पर पहुंच गए थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने स्टेशन निदेशक को सुझाव दिया कि कुंभ स्पेशल ट्रेनों को जल्द चलाया जाए ताकि भीड़ को कम किया जा सके। साथ ही, उन्होंने रेलवे से हर घंटे प्रयागराज के लिए बेची जा रही 1,500 टिकटों की बिक्री तत्काल बंद करने का अनुरोध किया, क्योंकि प्लेटफॉर्म 12-16 पर भारी भीड़ जमा हो गई थी।

ट्रेन की गलत घोषणा बनी हादसे की वजह

रिपोर्ट में कहा गया कि रात 8:45 बजे एक घोषणा की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म 12 पर आएगी। कुछ देर बाद दूसरी घोषणा की गई कि यह ट्रेन अब प्लेटफॉर्म 16 पर आएगी। इस घोषणा के बाद, प्लेटफॉर्म 12-16 के यात्री फुटओवर ब्रिज 2 और 3 पर चढ़ने लगे, जबकि मगध एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति और प्रयागराज जाने वाले यात्री नीचे उतर रहे थे। इसी अफरा-तफरी के दौरान कुछ यात्री फिसलकर गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई। लोगों की दम घुटने से जान चली गई।

इस हादसे में जान गंवाने वाले 18 लोगों में 9 महिलाएं, 5 बच्चे और 4 पुरुष शामिल थे। सबसे बुजुर्ग मृतक 79 साल के थे, जबकि सबसे छोटी पीड़िता महज 7 साल की बच्ची थी।

रेलवे ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

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