नई दिल्ली: राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चल रही बहस के दौरान बुधवार को खूब गरमागरमी देखने को मिली। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान सदन के नेता जेपी नड्डा ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उनपर “मानसिक संतुलन खोने” का आरोप लगाया। नड्डा के इस बयान के बाद सदन में काफी हंगामा हो गया। इस मामले के बाद, जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांगी।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखी टिप्पणियां करते हुए अपना भाषण खत्म किया। इस पर नड्डा ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि वरिष्ठ नेता ने "अपना मानसिक संतुलन खो दिया है"। विपक्ष के खेमे ने इस टिप्पणी पर काफी नाराजगी जताई और खूब हंगामा किया।

नड्डा ने खड़गे पर आरोप लगाते हुए यह भी मांग की कि उनकी टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए, क्योंकि वे भावनाओं के आवेश में दी गई थीं।

नड्डा ने आसन की ओर मुखातिब होकर कहा, “खड़गे जी का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। लेकिन उनके भाषण के दौरान किए गए शब्दों का चयन उनके कद को शोभा नहीं देता। उनके द्वारा प्रयुक्त शब्द उनके कद से नीचे के थे। इसलिए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इन शब्दों को कार्यवाही से हटाया जाए।”

खड़गे ने इस टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नड्डा एनडीए सरकार के उन चंद मंत्रियों में से हैं जिनका वह व्यक्तिगत रूप से सम्मान करते हैं। लेकिन इस तरह की टिप्पणी करना, उनके अनुसार, “शर्मनाक” है।

खड़गे ने कहा, “जेपी नड्डा उन दो-तीन मंत्रियों में से हैं जिनका मैं बेहद सम्मान करता हूं। लेकिन अब वह मुझे मानसिक कह रहे हैं। यह शर्म की बात है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। मैं इस मुद्दे को यूं ही नहीं जाने दूंगा।”

इसके तुरंत बाद नड्डा ने सदन में अपनी टिप्पणी वापस ली और क्षमा याचना की। उन्होंने कहा, “मैं पहले ही अपने शब्दों को वापस ले चुका हूं। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि खड़गे जी भावनाओं में इस कदर बह गए कि उन्होंने प्रधानमंत्री की गरिमा तक का ख्याल नहीं रखा। इस बात का हमें खेद है।”

खड़गे का सुरक्षा में चूक और जवाबदेही पर निशाना

राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने  प्रियंका गांधी की बात को दोहराते हुए सरकार की जवाबदेही पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जब से भाजपा सत्ता में आई है, देश में कई हमले हुए हैं। बावजूद इसके, किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 2016 में उरी और पठानकोट हमला, 2019 में पुलवामा और अब 2025 में पहलगाम हमला—इन सबने यह दर्शाया है कि देश की खुफिया एजेंसियां बार-बार विफल रही हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा में गंभीर कमियां रही हैं।”

खड़गे ने आगे कहा, “मैं गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं कि इस विफलता की जवाबदेही कौन लेगा? क्या खुफिया चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई है? अगर आप स्वयं जिम्मेदार हैं तो अपने पद से इस्तीफा दें। और यदि नहीं, तो क्या प्रधानमंत्री इस पर कोई ठोस कदम उठा रहे हैं?” उन्होंने अंत में यह भी जोड़ा कि आप कब तक अपने पूर्ववर्तियों को दोष देकर ही सरकार चलाते रहेंगे?”