नई दिल्ली: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को उनके आवास मातोश्री जाकर जन्मदिन की बधाई दी। यह मुलाकात अहम इसलिए भी है क्योंकि राज ठाकरे करीब 13 साल बाद मातोश्री में दाखिल हुए हैं। इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए शिवसेना (यूबीटी) की ओर से एक्स पर पोस्ट किया गया, 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राजसाहेब ठाकरे ने पार्टी प्रमुख उद्धवसाहेब ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।'

राज ठाकरे इससे पहले आखिरी बार मातोश्री 2012 में गए थे जब बालासाहब ठाकरे का निधन हुआ था। बहरहाल, यह ताजा बैठक दोनों नेताओं (उद्धव और राज ठाकरे) द्वारा 5 जुलाई को एक संयुक्त रैली में मंच साझा करने के कुछ सप्ताह बाद हो रही है। वह रैली भी चर्चा में रही थी।

मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित 'आवाज मराठीचा' रैली में ठाकरे भाई मंच पर गले भी मिले थे। यह रैली महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव को वापस लेने के बाद आयोजित की गई थी। रैली में भीड़ को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।'

उद्धव ठाकरे का यह 65वाँ जन्मदिन है। इस पर इंडी गठबंधन के नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'शिवसेना अध्यक्ष और इंडी गठबंधन के सहयोगी उद्धव ठाकरे जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई। आप स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, और हम सब मिलकर महाराष्ट्र के लोगों के हितों और अधिकारों के लिए लड़ेंगे।' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी उद्धव ठाकरे को शुभकामनाएं दी।

राज ठाकरे जब 2012 में गए थे मातोश्री

साल 2012 में लीलावती अस्पताल में उद्धव-राज का मिलना बड़े राजनीति घटनाक्रम के तौर पर देखा गया था। मनसे प्रमुख राज ठाकरे अलीबाग में अपना कार्यक्रम छोड़ तब जल्दी-जल्दी में मुंबई पहुंचे थे। राज ठाकरे उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए पहुंचे थे जिनकी एंजियोप्लास्टी हो रही थी। 

बाद में राज ने उद्धव को अपनी मर्सिडीज से घर पहुंचाया और बालासाहेब ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में प्रवेश किया। यह जुलाई का महीना था। उस समय बालासाहब ठाकरे भी जिंदा थे। उनका निधन 2012 में ही 17 नवंबर को हुआ।

बताया जाता है कि उन्होंने लगभग 30 मिनट अंदर बिताए, जो परिवार में आंतरिक कलह के बाद उनकी पहली यात्रा थी। अस्पताल में मौजूद एक करीबी रिश्तेदार ने कहा, 'दोनों चचेरे भाई सच्ची भावना में भाइयों की तरह मिले।'

उस दृश्य ने ठाकरे परिवार में राजनीतिक विभाजन को कुछ समय के लिए धुंधला कर दिया था और पारिवारिक जुड़ाव की एक तस्वीर पेश की थी। राज इससे पहले दिसंबर 2005 में पार्टी में उद्धव के बढ़ते प्रभाव से नाराज होकर मातोश्री से बाहर चले गए थे। 

इसके ठीक तीन महीने बाद, उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की और शिवाजी पार्क में अपनी पहली जनसभा को संबोधित किया। ये वही जगह थी जहाँ से बालासाहब ठाकरे ने 1966 में सेना की स्थापना की थी।