राहुल गांधी पहले ओमन चांडी लोक सेवक पुरस्कार से किए जाएंगे सम्मानित, जानें क्या है यह अवार्ड और कौन थें Oommen Chandy

ओमन चांडी साल 2004 में पहली बार केरल का मुख्यमंत्री बने थे। वे 2004 से 2006 तक और फिर 2011 से 2016 तक केरल के सीएम रहे थे।

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Rahul Gandhi will be honored with first Oommen Chandy Public Servant Award know what is this award and who is Oommen Chandy

राहुल गांधी (फोटो- IANS)

तिरुवनन्तपुरम: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रविवार को ओमन चांडी लोक सेवक पुरस्कार के लिए उन्हें चुना गया है। पार्टी के दिग्गज नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत ओमन चांडी की याद में इस पुरस्कार को स्थापित किया गया है और इस अवार्ड के पहले विजेता राहुल गांधी हैं।

ओमन चांडी फाउंडेशन ने चांडी की पहली पुण्य तिथि के तीन दिन बाद 21 जुलाई को पुरस्कार की घोषणा की है।

इस पुरस्कार को जीतने वाले को एक लाख रुपए की राशि और प्रसिद्ध कलाकार एवं फिल्म निर्माता नेमम पुष्पराज द्वारा बनाई गई एक प्रतिमा गिफ्ट की जाती है। राहुल गांधी ने जिस तरीके से भारत जोड़ो यात्रा किया है और उस दौरान लोगों की समस्या को सुना है और उसे समाधान करने की कोशिश की है, यह सम्मान उनके इस प्रयासों के लिए दिया गया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ जूरी द्वारा इस पुरस्कार के लिए राहुल गांधी का चयन किया गया है।

केरल के मुख्यमंत्री ने ओमन चांडी को याद किया

19 जुलाई को आयोजित एक कार्यक्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ओमन चांडी को याद किया है। पिनाराई विजयन ने कहा कि हम दोनों के बीच राजनीतिक विरोध होने के बावजूद भी चांडी का स्वभाव काफी सहयोगपूर्ण था और जनता की सेवा में वे कभी थकते नहीं थे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू करने वाले चांडी का स्वभाव खासकर पुथुपल्ली के साथ बहुत ही गहरा था।

पिनाराई विजयन ने यह भी कहा कि जब वे 2016 में केरल के सीएम बने थे तो वह सबसे पहले जिस नेता से मिले थे वे चांडी ही थे। सीएम ने 2004 की सुनामी को भी याद कि जब चांडी केरल के मुख्यमंत्री थे और जिस तरीके से उन्होंने राहत कामों को अंजाम दिया था, इसका समर्थन वाम दल के नेताओं ने भी किया था।

कौन थे ओमन चांडी?

ओमन चांडी को केरल के एक प्रमुख कांग्रेस नेता के रूप में याद किया जाता है। 31 अक्टूबर 1943 को केरल के पुथुपल्ली में जन्मे चांडी ने अपने करियर की शुरुआत केरल स्टूडेंट्स यूनियन (KSU) से की थी। इसके बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था।

एक भी चुनाव नहीं हारे थे चांडी

साल 1970 में जब वे 27 साल के थे तब उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत हासिल हुई थी। इसके बाद वे जितने भी चुनाव लड़े थे वे कभी हारे नहीं थे।

चांडी कांग्रेस के ऐसा नेता थे जिनके नाम पर केरल में सबसे लंबे समय तक विधायक रहने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उन्होंने 1970 से लगातार कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।

53 सालों तक अपना सीट बरकरार रखा था

चांडी ने लगातार 12 चुनाव जीते थे और 53 वर्षों तक अपनी सीट बरकरार रखी थी। चांडी ने के करुणाकरण और एके एंटनी के मंत्रिमंडल में श्रम, वित्त और गृह मंत्री के पद को भी संभाला था। वह 2004 में पहली बार केरल का मुख्यमंत्री बने थे। वे 2004 से 2006 तक और फिर 2011 से 2016 तक केरल के सीएम रहे थे।

घोटाले का आरोप भी लगा था

ओमन चांडी को उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान उन पर सौर पैनल घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था और जांच के दौरान उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था।

केरल के विकास में अदा किया था अहम रोल

मुख्यमंत्री के रूप में चांडी ने केरल में कोच्चि मेट्रो, विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह, कन्नूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और कई राजमार्ग बाईपास और मेडिकल कॉलेजों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास में भी अहम रोल अदा किया था।

संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके थे चांडी

चांडी के 'जन संपर्क परिपाडी'(जन संपर्क कार्यक्रम) के कारण उन्हें 2013 में सार्वजनिक सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार भी मिल चुका था। कैंसर के इलाज के दौरान 79 साल की उम्र में चांडी का बेंगलुरु में निधन हो गया था। सार्वजनिक सेवा के प्रति चांडी के समर्पण और केरल की प्रगति के प्रति उनके प्रयासों को लेकर उस समय पीएम मोदी ने भी उन्हें याद किया था।

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