राहुल गांधी 'बजट के हलवे' में खोज रहे जाति! निर्मला सीतारमण ने पकड़ लिया अपना सिर

राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान लोक सभा में नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने बजट को मिडिल क्लास विरोधी भी बताया। उन्होंने ये भी कहा कि बजट के हलवे वाली सेरेमनी की तस्वीर में एक भी ओबीसी, आदिवासी, दलित अफसर नहीं दिख रहा है।

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राहुल गांधी 'बजट के हलवे' में खोज रहे जाति! निर्मला सीतारमण ने पकड़ लिया अपना सिर

फोटो- IANS

नई दिल्ली: लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर भाजपा और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने बजट को मिडिल क्लास विरोधी बताया। अंबानी और अडानी का भी जिक्र किया लेकिन इस बीच वो कुछ ऐसा भी बोल गए जिस सुन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुस्कुराते हुए अपना सिर पकड़ लिया।

बजट का हलवा और अधिकारियों की जाति

संसद में भाषण के दौरान राहुल गांधी ने बजट से पहले होने वाली 'हलवा सेरेमनी' की एक तस्वीर दिखाने की कोशिश की। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें कोई तस्वीर दिखाने से मना कर दिया। राहुल ने इस पर कहा, मैं तस्वीर दिखाकर समझाना चाहता हूं कि बजट का हलवा बंट रहा है और इस फोटो में एक भी ओबीसी, आदिवासी, दलित अफसर नहीं दिख रहा है, देश का हलवा बंट रहा है और इसमें 73 फीसदी आबादी है ही नहीं ये क्या हो रहा है।

राहुल गांधी के इतना बोलते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मुस्कुराते हुए अपने दोनों हाथ माथे पर रख लिए। इस दौरान कुछ देर हंगामा भी हुआ लेकिन राहुल गांधी ने अपना भाषण जारी रखा। राहुल यही नहीं रूक और कहा, 'सर आप हलवा खा रहे हैं और बाकि लोगों को हलवा मिल ही नहीं रहा है। हमने पता किया है कि 20 अधिकारियों ने बजट तैयार किया है। अगर आप लोग नाम चाहते हैं तो मैं आपको इन अधिकारियों के नाम भी दे सकता हूं।'

चक्रव्यूह और पद्माव्यूह

राहुल गांधी ने संसद में कहा कि सरकार ने बजट में सरकार ने मिडिल क्लास और किसानों को कुछ नहीं दिया। राहुल गांधी ने कहा, 'अन्नदाता ने सरकार से सिर्फ एक चीज मांगी थी, वो है लीगल एमएसपी गारंटी। अगर सरकार बजट में इसका प्रावधान कर देती, तो जो किसान आपके चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं, वे बाहर निकल पाते। मैं इंडी गठबंधन की तरफ से देश के किसानों से कहना चाहता हूं। हम किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे।'

राहुल गांधी ने चर्चा के दौरान अभिमन्यु का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है। 21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है, जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के युवाओं, किसानों और माताओं-बहनों के साथ किया जा रहा है।'

राहुल ने आगे कहा, 'अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था. आज भी चक्रव्यूह के बीच में छह लोग हैं. चक्रव्यूह को नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी, मोहन भागवत जी, अजित डोभाल जी, अंबानी और अडानी कंट्रोल कर रहे हैं।'

राहुल के बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोका और कहा कि जो कोई इस सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम न लिया जाए। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो चाहते हैं कि वो अजित डोभाल, अडानी और अंबानी का नाम न लें तो वो नहीं लेंगे।

राहुल के बयानों पर भाजपा का पलटवार

कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा ने पलटवार कया। भाजपा के एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा गया, 'जिस कमल फूल को ब्रह्मा जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती जी ने अपना आसन बनाया। पवित्रता के प्रतीक उसी कमल के फूल को हिंसक बताकर राहुल गांधी ने एक बार फिर हिंदू धर्म का अपमान किया।'

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दूसरी ओर भाजपा मुंबई प्रदेश के उपाध्यक्ष हितेश जैन ने भी पलटवार किया। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को अराजक और विभाजनकारी करार दिया। हितेश जैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'संसद में राहुल गांधी का भाषण किसी विभाजनकारी, अराजक बयान से कम नहीं था। उनके बयान का उद्देश्य देश की एकता को खत्म करना है। धन सृजनकर्ताओं और संगठनों का उपहास करना देश की तरक्की के प्रति उनकी पूरी बेरुखी को दर्शाता है।'

उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी, जिन संस्थाओं की उपज हैं, जिनका वह मजाक उड़ाते हैं। वह केवल अपने स्वार्थ के लिए समाज को बांटना चाहते हैं। उनके भाषण में विश्वसनीय आंकड़े, ठोस तथ्य और ईमानदार इरादे का अभाव था। यह राजनीतिक कौशल नहीं, बल्कि किसी भी कीमत पर सत्ता पाने की हताश कोशिश है, राहुल गांधी से एकजुटता की उम्मीद करना बहुत ज्यादा है। हिंदू धर्म का लगातार मजाक बनाना और उसको गाली देना उनके चरित्र में है। उन्होंने चक्रव्यूह के बारे में बात करते हुए कहा कि, भारत अक्षमता, भ्रष्टाचार और देश को बांटने की साजिशों के चक्रव्यूह से मुक्त हो रहा है, जिसको राहुल गांधी और उनके पूर्वजों ने रचा था।'

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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