नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह पार्टी द्वारा पूर्व में हुई गलतियों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि 1984 में सिख विरोधी दंगों को ऐतिहासिक भूल बताया।
राहुल गांधी ने कहा कि वह उस दौरान मौजूद नहीं थे लेकिन वह कांग्रेस द्वारा हुई पूर्व में गलतियों के लिए जिम्मेदारी लेना चाहते हैं।
राहुल गांधी द्वारा यह स्वीकारोक्ति अमेरिका में दो हफ्ते पहले ब्राउन यूनिवर्सिटी के वाटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में सवाल-जवाब के सत्र के दौरान हुई थी।
सिख छात्र ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
इस दौरान एक सिख छात्र ने राहुल गांधी से इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़की हिंसा को लेकर कांग्रेस की भूमिका के बारे में सवाल किया था। इस हिंसा में करीब 3,000 सिख मारे गए थे। मारे गए लोगों में अधिकतर दिल्ली में थे। इसमें कई कांग्रेस नेताओं के ऊपर हिंसा की साजिश में शामिल होने के आरोप भी लगे थे।
छात्र ने भाजपा शासन के दौरान राहुल गांधी की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर पुरानी टिप्पणी के बारे में कहा "आप सिखों के बीच यह डर पैदा करते हैं कि भाजपा कैसी दिखेगी... हम अभिव्यक्ति की आजादी चाहते हैं जो पूर्व में कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान नहीं मिलती थी।"
इस दौरान छात्र ने आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का भी जिक्र किया जिसमें उसने दावा किया कि कांग्रेस ने इसे अलगाववादी घोषणापत्र को गलत तरीके से पेश किया था। इसके अलावा छात्र ने यह भी आलोचना की कि कांग्रेस सिख समुदाय के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाई। छात्र ने आगे यह भी कहा था कि "कांग्रेस पार्टी में बहुत से सज्जन कुमार हैं।"
इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि 1984 के दंगों की निंदा करते हुए कहा "मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 80 के दशक में जो भी कुछ घटा था वह गलत था। मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं। भारत में सिख समुदाय के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं।"
हर गलत चीज की जिम्मेदारी के लिए तैयार
इस दौरान राहुल ने आगे जोड़ते हुए कहा कि "जहां तक कांग्रेस पार्टी की गलतियों का सवाल है उसमें अधिकतर तब हुई, जब मैं वहां नहीं था लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने इतिहास में की गई हर गलत चीज की जिम्मेदारी लेने में खुश हूं।"
भारतीय राजनीति में 1980 के दशक में हुई हिंसा का राजनैतिक परिदृश्य में स्थान है। स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। इसका उद्देश्य सिख समुदाय के अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले को बाहर निकालना था। स्वर्ण मंदिर में किए गए हमले से सिख समुदाय बहुत आहत था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद व्यापक स्तर पर आक्रोश फैल गया और इसके बाद इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे हुए।