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नई दिल्ली: भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दावा किया कि खोजी मीडिया प्लेटफॉर्म OCCRP (ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट), अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी के बीच एक संबंध है। राहुल गांधी को 'गद्दार' बताते हुए भाजपा ने कहा कि OCCRP समेत अंतरराष्ट्रीय ताकतें भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं।
भाजपा ने यह भी दावा किया कि OCCRP को जॉर्ज सोरोस के स्वामित्व वाले फाउंडेशन से फंडिंग मिलती है और राहुल गांधी के सोरोस के साथ संबंध हैं। भाजपा के एक्स हैंडल पर लिखा गया कि राहुल गांधी को सलील शेट्टी के साथ चलते हुए (भारत जोड़ो यात्रा में) देखा गया जो सोरोस के एक फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट हैं।
भाजपा ने एक्स पर साथ ही पोस्ट किया, 'फ्रांसीसी खोजी पत्रकार ने खुलासा किया है कि अमेरिकी सरकार मीडिया संगठन ओसीसीआरपी को नियंत्रित करती है, इससे संकेत मिलता है कि उसने जो भी स्टोरी चलाई वह प्रभावित थी और उसमें वास्तविक बातों का अभाव था।'
संबित पात्रा ने दरअसल जिस रिपोर्ट का जिक्र किया है उसे फ्रांस की वेबसाइट मीडियापार्ट ने प्रकाशित किया है। इसमें ओसीसीआरपी और अमेरिकी सरकार के बीच संबंध का खुलासा किया गया है।
Why is OCCRP connected with Rahul Gandhi?
A French investigative journalist has revealed that the US govt controls the media organization OCCRP, dictating that any story it ran was influenced & lacked genuine backing
But what is its connection with Congress? pic.twitter.com/VrVtZ8IzBQ
— BJP (@BJP4India) December 5, 2024
OCCRP क्या है, फ्रांसीसी वेबसाइट ने क्या दावा किया है?
ओसीसीआरपी की सह-संस्थापक ड्रियू सुलिवान नाम के एक अमेरिकी पत्रकार हैं। वे ही इसका नेतृत्व भी कर रहे हैं। ओसीसीआरपी की स्थापना 2008 में बोस्नियाई राजधानी साराजेवो (Sarajevo) में की गई थी। शुरुआत में बाल्कन क्षेत्र (यूरोप के कुछ हिस्से) में संगठित अपराध और भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए एक मीडिया नेटवर्क के रूप में स्थापित किया गया था। हालांकि करीब 16 साल में OCCRP एक बड़ा संगठन बन गया है।
20 मिलियन यूरो के वार्षिक बजट और लगभग हर महाद्वीप में फैले 200 कर्मचारियों के साथ यह एनजीओ हाल के वर्षों में खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चा में रही है। इसमें अक्सर बड़े पैमाने पर डेटा लीक पर आधारित होती है। इनमें द पनामा पेपर्स, पेंडोरा पेपर्स, सुइस सीक्रेट्स, नार्को फाइल्स, पेगासस प्रोजेक्ट जैसी रिपोर्ट शामिल हैं।
फ्रांसीसी वेबसाइट मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उसकी जांच से पता चलता है कि OCCRP को यूएस ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल नारकोटिक्स एंड लॉ एनफोर्समेंट अफेयर्स के वित्तीय समर्थन से बनाया गया था। आज भी वाशिंगटन ओसीसीआरपी के बजट का लगभग आधा हिस्सा प्रदान करता है। इसी रिपोर्ट में जॉर्ज सोरेस से फंडिंग की भी बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ओसीसीआरपी अपनी वेबसाइट पर यह संकेत देता है कि उसे अमेरिकी विदेश विभाग और विशेष रूप से यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट, (USAID) से फंडिंग मिलती है लेकिन यह अपने मीडिया भागीदारों, पत्रकारों से फंडिंग की सीमा और उससे जुड़े तार छिपाता है। OCCRP के लेखों में अमेरिकी सरकार के वित्तपोषण का कभी उल्लेख नहीं किया गया है।
भाजपा ने ओसीसीआरपी और राहुल गांधी पर क्या कुछ कहा है?
भाजपा ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया। साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी वही बोलते हैं, जो 'ओसीसीआरपी' लिखता है। दोनों एक दो बदन एक आत्मा हैं।'
संबित पात्रा ने साथ ही 'एक्स' पर लिखा, 'जो 'ओसीसीआरपी' लिखता है, वही राहुल गांधी बोलते हैं। 1 जुलाई 2021, पूरी दुनिया में कोरोना की महामारी चल रही थी और भारत ने अपनी दो वैक्सीन भी बनाई थी और भारत वैक्सीन मैत्री कर रहा था। कई देशों ने वैक्सीन के लिए भारत को ऑर्डर दिया था। उसी समय यानी 1 जुलाई 2021 को 'ओसीसीआरपी' ने एक लेख छापा कि ब्राजील ने 324 मिलियन डॉलर की वैक्सीन का जो ऑर्डर दिया था, उसे कैंसिल कर दिया है। इससे भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई।'
बकौल संबित पात्रा, '2 जुलाई 2021 को कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारत सरकार और देश की वैक्सीन को घेरे में ले लिया। हालांकि जून में पता चल गया था कि ब्राजील को-वैक्सीन नहीं ले रहा है, लेकिन जब 'ओसीसीआरपी' ने छापा, तब राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, यानी 'ओसीसीआरपी' निर्देश देता है और राहुल गांधी उसका पालन करते हैं।'
संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'भारत में जितने बड़े उद्योगपति हैं, 'ओसीसीआरपी' ने बार-बार उन पर आघात किया है। उन्होंने ऐसा दिखाया कि मानो फर्जीवाड़ा चल रहा है, यहां के उद्योगों में कोई सच्चाई नहीं है। भारत के अर्थव्यवस्था को डगमगाने के मकसद से ऐसा किया जाता रहा है। जब-जब 'ओसीसीआरपी' की ऐसी रिपोर्ट सामने आई, तब-तब राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देश के उद्योगों पर निशाना साधा।'
#WATCH दिल्ली: बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, "हम बात करने जा रहे हैं उस खतरनाक त्रिकोण के बारे में जो भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इस त्रिकोण में एक तरफ अमेरिका के जॉर्ज सोरोस हैं, अमेरिका की कुछ एजेंसियां हैं, त्रिकोण के दूसरी तरफ OCCRP नाम का एक बड़ा न्यूज… pic.twitter.com/K4xryzQzZR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2024
'पेगागस पर हल्ला ओसीसीआरपी की रिपोर्ट के बाद'
संबित पात्रा ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा, 18 जुलाई 2021 पेगासस रिपोर्ट आई। 'ओसीसीआरपी' ने इसको पहले उजागर किया। 19 जुलाई 2021 को राहुल गांधी इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। ये सारे रिपोर्ट सदन के चलने से पहले आते हैं। इसके कारण सदन में हंगामा किया जाता था और इसको चलने नहीं दिया जाता। आज भी ऐसी ही परिस्थिति है। 26 अगस्त 2022 को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पेगासस के रिपोर्ट को खारिज किया।
संबित पात्रा ने आगे कहा कि जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में मां-बेटे से ईडी पूछताछ कर रही थी। कई घंटे तक दोनों लोगों से पूछताछ की गई। 'ओसीसीआरपी' इसको लेकर छापा कि राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में जो लीगल प्रोसिडिंग चल रही हैं, यह सब राजनीति से प्रेरित है। इसके पीछे कोई सच्चाई नहीं है। उसने लिखा था, देश में अफरा-तफरी का माहौल है, लोग राहुल गांधी के लिए सड़क पर उतर गए हैं। यह सब झूठ था, कोई सड़क पर नहीं उतरा था। हमारा पूछना है कि 'ओसीसीआरपी' राहुल गांधी के बचाव में आर्टिकल क्यों छाप रहा था? राहुल गांधी और 'ओसीसीआरपी' में से किसी एक को दिक्कत होती है, तो दूसरा बोलता है। ये दो बदन एक आत्मा हैं।
बीजेपी ने राहुल गांधी के OCCRP के बांग्लादेशी पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी से मुलाकात का भी जिक्र किया। संबित पात्रा ने सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाले लोगों से क्यों बातचीत कर रहे थे?
6- Rahul Gandhi met with Mushfiqul Fazal Ansarey, a Bangladeshi journalist from OCCRP known for peddling agendas against India.
Why Rahul Gandhi was interacting with someone working against our national interests remains unclear. pic.twitter.com/MWmuatzxOc
— BJP (@BJP4India) December 5, 2024
इसके अलावा बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आनंद मंगनाले का भी जिक्र किया। आनंद मंगनाले पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली दंगों के लिए शरजील इमाम को चीन से फंडिंग मुहैया कराई थी। आनंद मंगनाले भी ओसीसीआरपी के लिए काम करते हैं।
7- Anand Mangnale, who allegedly handed Chinese money to Sharjeel Imam for the Delhi riots, works for OCCRP.
Mangnale is linked to Congress and was actively fundraising for them while being part of DPSG. pic.twitter.com/9LL3OZUIbi
— BJP (@BJP4India) December 5, 2024