नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। वहीं, राहुल गांधी के आरोपों पर भारत निर्वाचन आयोग फैक्ट चेक ने जवाब दिया है। ईसीआई फैक्ट चेक ने राहुल गांधी के बयान को भ्रामक बताया।
चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि अगर राहुल गांधी मानते हैं कि वे जो कह रहे हैं, वह सच है तो उन्हें मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के 20(3)(बी) के अनुसार घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके गुरुवार शाम तक महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करना चाहिए ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।
आयोग ने साथ ही कहा कि यदि राहुल गांधी अपनी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं तो उन्हें बेतुके निष्कर्षों पर पहुंचना और भारत के नागरिकों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि हमारे संविधान की नींव 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत पर टिकी है। इसलिए जब चुनाव होते हैं तो सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है?
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से लोगों में संदेह बढ़ता जा रहा है। उन्होंने पांच मुख्य बिंदु गिनाए और कहा कि भाजपा को कभी भी एंटी-इनकंबेंसी (विरोधी लहर) का सामना नहीं करना पड़ता। भाजपा को अप्रत्याशित और बड़ी जीत मिल जाती है। ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल बार-बार गलत साबित हो जाते हैं। मीडिया द्वारा तैयार किया गया माहौल और चुनाव कार्यक्रम को सोच-समझकर 'कोरियोग्राफ' करना भी इन पांच बिंदुओं में शामिल हैं।
महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव का जिक्र
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में उन्हें इन संदेहों के पीछे की असल तस्वीर दिखने लगी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए वोटर जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे। कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वह उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे। 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन मतदान केंद्रों पर लाइनें नहीं थीं।
चुनाव आयोग पर नियमों को बदलने के आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। अगर हमारे पास सॉफ्ट कॉपी होती, तो हम पूरे डेटा को 30 सेकंड में एनालाइज कर सकते थे। लेकिन हमें कागज के सात-फुट लंबे बंडल मिले, जिन्हें पढ़ने और मिलाने में छह महीने लगे। सिर्फ एक विधानसभा सीट के लिए 30-40 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया।
उन्होंने सवाल खड़े किए कि ईसी जानबूझकर ऐसा डेटा देता है, जिसे स्कैन कर पढ़ा न जा सके। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। इसके साथ ही चुनाव आयोग डिजिटल डेटा देने से इनकार करता है। ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई जांच न कर सके।
पांच प्रकार की गड़बड़ियों का लगाया आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। उन्होंने पांच प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जनता को पारदर्शिता का पूरा अधिकार है और चुनाव से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस की टीम पूरे सिस्टम को समझ चुकी है और जनता के सामने सच लाकर रहेगी।
राहुल गांधी के 5 'सबूत'
नकली वोटर- पहला उदाहरण: कांग्रेस पार्टी की ओर से दिखाई गई एक स्लाइड में गुरकीरत सिंह ढांग नाम के एक मतदाता का नाम चार अलग-अलग मतदान केंद्रों पर चार बार दिखाई देता है। ढांग बूथ संख्या 116, 124, 125 और 126 पर दिखाई देते हैं। राहुल गांधी ने कहा, 'यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है। यह एक विधानसभा क्षेत्र के हजारों लोग हैं।'
दूसरा उदाहरण: यह दावा किया गया कि आदित्य श्रीवास्तव नाम के मतदाता का नाम तीन अलग-अलग राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की चार अलग-अलग मतदाता सूचियों में है।
फर्जी और अमान्य पते: बताया गया कि कुछ मतदाता ऐसे भी थे जिनके पते में मकान संख्या के आगे कथित तौर पर 'शून्य' लिखा था। पिता का नाम: ilsdfhug लिखा था। एक अन्य मतदाता के पिता का नाम: dfoigaidf लिखा था। राहुल गांधी ने दावा किया, 'या तो पता मौजूद ही नहीं है, या पता शून्य है, या पता सत्यापित नहीं हो सकता। ऐसे 40,000 मतदाता हैं।'
एक पते पर बहुत सारे वोटर: कांग्रेस पार्टी ने दो कमरों की तस्वीर पेश करते हुए दावा किया कि एक कमरे में क्रमशः 80 और 46 मतदाता रह रहे हैं।
अमान्य फोटो: कांग्रेस पार्टी ने कहा कि कई मतदाता सूची में फोटो आवश्यक आकार से छोटे हैं, जिससे उनकी पहचान करना कठिन है या फोटो थे ही नहीं।
फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल: शकुन रानी नाम की एक मतदाता का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि उनका नाम दो बार आया। एक बार नाम वाले बॉक्स में शकुन और उपनाम वाले बॉक्स में रानी। जबकि दूसरे फॉर्म में, शकुन रानी (जूम की गई तस्वीर के साथ) नाम वाले बॉक्स में दिखाई दीं, लेकिन उपनाम खाली था। इस मतदाता का नाम दो मतदाता सूचियों में था।
कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से मांगे सबूत
इस बीच, कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके "वोट चोरी" के दावे के समर्थन में एक औपचारिक शपथपत्र और मतदाता सूची में कथित रूप से गलत तरीके से शामिल किए गए मतदाताओं के नाम प्रस्तुत करने को कहा है ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।
मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार किए जाने पर जोर देते हुए कर्नाटक चुनाव आयोग ने कहा, 'चुनाव परिणामों पर केवल माननीय उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से ही सवाल उठाया जा सकता है।'
चुनाव आयोग पर राहुल गांधी का निशाना
बहरहाल, चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, 'मैं इसे सबके सामने सार्वजनिक रूप से कह रहा हूँ। इसे शपथ की तरह लीजिए। यह उनका डेटा है, और हम उनका डेटा दिखा रहे हैं। यह हमारा डेटा नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा, 'दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी से इनकार नहीं किया है।' कांग्रेस नेता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'मैं एक राजनेता हूँ। मैं लोगों से जो कहता हूँ, वही मेरा वचन है। मैं इसे सबके सामने सार्वजनिक रूप से कह रहा हूँ। इसे शपथ की तरह लीजिए। यह उनका डेटा है, और हम उनका डेटा दिखा रहे हैं। यह हमारा डेटा नहीं है। यह चुनाव आयोग का डेटा है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी से इनकार नहीं किया है। उन्होंने यह नहीं कहा है कि जिस मतदाता सूची की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वह गलत है। आप उन्हें गलत क्यों नहीं कहते? क्योंकि आप सच्चाई जानते हैं। आप जानते हैं कि हम जानते हैं कि आपने पूरे देश में ऐसा किया है।'
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)