कतरः तीन महीने की हिरासत में इंजीनियर अमित गुप्ता, परिवार ने सरकार से मांगी मदद

भारतीय टेक इंजीनियर अमित गुप्ता को कतर में तीन महीने की हिरासत में लिया गया। परिवारीजन इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप और बेटे को छुड़ाने के लिए मदद की मांग कर रहे हैं।

Amit Gupta Detained In Qatar

अमित गुप्ता कतर में तीन महीने की हिरासत में Photograph: (bole bharat desk)

दोहाः कतर में एक भारतीय इंजीनियर को तीन महीने तक हिरासत में लिया गया है। वडोदरा के रहने वाले इंजीनियर अमित गुप्ता के परिवार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से मदद की गुहार लगाई है। परिवार ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनके बेटे को छुड़ाने हेतु मदद मांगी है। 

उनके परिवार ने कहा है कि अमित गुप्ता को एक जनवरी से राज्य सुरक्षा एकांत कारावास में है। परिवार ने आरोप लगाया कि अमित के खिलाफ आधिकारिक तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। 

बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत अमित गुप्ता

अमित गुप्ता एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी में सीनियर पद पर कार्यरत हैं। कंपनी आईटी और कंसल्टेंसी का काम करती है। अमित के माता-पिता ने बीते शनिवार को वडोदरा के सांसद हेमंग जोशी से मुलाकात कर अपने बेटे को छुड़ाने के लिए समर्थन मांगा।

अमित साल 2013 से कतर में रह रहे हैं। उनके पिता जगदीश गुप्ता ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि शादी के बाद साल 2013 में अमित कतर में रहने लगे। 

अमित के पिता ओएनजीसी मुख्य अभियंता के तौर पर कार्यरत थे और फिलहाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अमित के माता-पिता ने दावा किया कि एक जनवरी को परिवार के साथ डिनर करने के बाद रेस्टोरेंट में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और तब से उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है।

पत्नी ने किया दूतावास से संपर्क

अमित की पत्नी ने कतर में कई बार भारतीय दूतावास से संपर्क किया। अमित के पिता ने कहा " वह हमारा इकलौता सहारा है और हम जानना चाहते हैं कि उसे बिना किसी आरोप के हिरासत में क्यों रखा गया है?" 

हालांकि वडोदरा के सांसद हेमंग जोशी ने परिवार को आश्वासन दिया है कि वह मामले को उठाएंगे। सांसद ने कहा कि यह माता-पिता का अधिकार है कि वे जान सकें कि वे अपने बेटे की गिरफ्तारी की वजह जान सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब विदेश में ऐसी स्थिति आती है तो स्वाभाविक रूप से माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को प्रमुखता से उठाएंगे और परिवार को मदद मुहैया कराने के लिए सरकार से भी बात करेंगे। 

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