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अमृतसरः मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब सरकार ने फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अमृतसर प्रशासन ने सोमवार को 40 ट्रैवल एजेंटों के लाइसेंस रद्द कर दिए।
हाल ही में जिला प्रशासन ने 52 ट्रैवल एजेंसियों और आईईएलटीएस कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किया था। इसके अलावा, अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवाओं की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए अमृतसर और तरनतारन पुलिस ने 8 एफआईआर दर्ज कीं— जिनमें से 2 एफआईआर जिला पुलिस में और 6 पंजाब पुलिस के एनआरआई मामलों के विंग में दर्ज की गईं। पीड़ितों ने बताया कि कुछ ट्रैवल एजेंटों ने उनसे अमेरिका में अवैध एंट्री दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूले और बाद में उन्हें धोखा दिया।
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के आदेश पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ADC) कार्यालय ने बताया था कि "52 ट्रैवल एजेंसियों और आईईएलटीएस कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किया है। इससे पहले, इन सेंटरों को 45 दिनों में तीन बार नोटिस दिए गए थे। अब एडीसी ज्योति बाला के नेतृत्व में प्रशासन ने नियम और कड़े कर दिए हैं। अब केवल एक नोटिस जारी किया जाएगा, और सभी एजेंसियों को 15 दिनों के भीतर लाइसेंस नवीनीकरण करवाना अनिवार्य होगा, अन्यथा उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।" मीडिया रिपोर्टे के अनुसार अमृतसर जिले में करीब 860 पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियां हैं।
पनामा से भारत लौटे 12 नागरिक
रविवार शाम पनामा से 12 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विमान नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। यह पनामा से वापस लाए गए भारतीय नागरिकों का पहला जत्था था। इससे पहले, अमेरिका ने करीब 332 भारतीयों को डिपोर्ट किया था, जो अवैध रूप से वहां प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पनामा का दौरा किया, जहां उन्होंने पनामा के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। दोनों देशों के बीच सहमति बनी कि पनामा निर्वासितों को उनके देश वापस भेजने के लिए एक ट्रांजिट हब की भूमिका निभाएगा। निर्वासितों की वापसी की पूरी लागत अमेरिका वहन करेगा। इसी समझौते के तहत पिछले हफ्ते तीन विमानों के जरिए करीब 299 लोगों को पनामा भेजा गया था।
पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट, 2012
पंजाब में फर्जी ट्रैवल एजेंटों द्वारा धोखाधड़ी के कई मामले सामने आने के बाद 2012 में पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट लागू किया गया था। इस कानून के तहत, कोई भी व्यक्ति ट्रैवल एजेंसी, टिकटिंग सेवा या आईईएलटीएस कोचिंग सेंटर संचालित करने के लिए एडीसी कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
केवल ट्रैवल एजेंसी या आईईएलटीएस कोचिंग सेंटर के लिए ₹25,000 के लाइसेंस शुल्क हैं जबकि सभी सेवाओं (ट्रैवल एजेंसी, टिकटिंग, कोचिंग) के लिए ₹1 लाख रुपए बतौर लाइसेंस शुल्क रखे गए हैं।
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों को, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पिछले तीन वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न, किराये के स्थान के लिए रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट, पुलिस सत्यापन रिपोर्ट और एसडीएम कार्यालय की रिपोर्ट जैसे दस्तावेज जमा करने होते हैं।