पंजाब बंद का असर: 150 से ज्यादा ट्रेनें रद्द, कई जगहों पर सड़कें जाम, डल्लेवाला का अनशन जारी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पंजाब सरकार जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मनाने की कोशिश जारी रखे हुए है। इस बीच पंजाब में दो किसान संगठनों ने आज बंद का आह्वान किया है।

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Amritsar: Farmers block railway tracks during their statewide "rail roko" protest (File Photo)

पंजाब में किसान संगठनों ने बुलाया है बंद (फाइल फोटो- IANS)

चंडीगढ़: पंजाब की दो किसान यूनियनों द्वारा बुलाए गए राज्यव्यापी बंद के मद्देनजर सोमवार को सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है। पंजाब बंद का बड़ा असर रेल यातायात पर नजर आ रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वंदे भारत सहित करीब 150 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। वहीं, राजमार्गों पर भी कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

बंद का आह्वान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में किया गया, जो कृषि क्षेत्र से जुड़ी 13 मांगों को लागू करने के लिए भूख हड़ताल पर हैं। डल्लेवाला एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल कर रहे हैं। राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ समेत सभी यूनिवर्सिटी ने आज होने वाले एग्जाम स्थगित कर दिए हैं।

हालांकि, आपातकालीन सेवाएं चलती रहेंगी रहेंगी। सुबह 7 बजे शुरू हुआ बंद सोमवार शाम 5 बजे तक जारी रहने की उम्मीद है। सामने आई जानकारी के अनुसार जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे और अमृतसर-दिल्ली हवाई पर बड़ी संख्या में किसान बैठे हुए हैं। पंजाब में 200 से ज्यादा जगहों पर सड़कें जाम हैं। इसके अलावा किसानों ने मोहाली में एयरपोर्ट रोड भी ब्लॉक किया हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को पंजाब की 'आप' सरकार को डल्लेवाल को 31 दिसंबर तक अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया है। हालांकि, भगवंत सरकार इसे आदेश को पूरा करने में अभी तक नाकाम रही है। सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर अब मंगलवार को सुनवाई करनी है।

सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की जमकर खिंचाई की थी। कोर्ट ने कहा कि वह पिछले निर्देशों का पालन करने और डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने में विफल रही है।

डल्लेवाल किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के विरोध प्रदर्शन के तहत एक महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर हैं। दोनों किसान संगठन पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर शंभू और खनौरी में इस साल 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए कानूनी गारंटी समेत कई मांगें रखी हैं। दोनों संगठनों ने सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान किया है और अन्य राज्यों से समर्थन मांगा है।

डल्लेवाल को मनाने की कोशिशें जारी

सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद पंजाब सरकार लगातार डल्लेवाल को भूख हड़ताल खत्म करने और अस्पताल में भर्ती करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है। पंजाब सरकार ने रविवार को एक टीम बनाई जो जगजीत सिंह डल्लेवाल के पास बातचीत के लिए पहुंची। टीम ने उन्हें चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन डल्लेवाल ने इनकार कर दिया।

यही नहीं, बैठक के बाद जगजीत सिंह डल्लेवाल ने देर शाम एक वीडियो संदेश भी जारी किया। किसान नेता ने आशंका जताई उन्हें विरोध स्थल से हटाने के लिए बल प्रयोग किया जा सकता है।

किसान आंदोलन क्यों हो रहा है...क्या है मांगें?

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। वे कई महीनों से पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की जो 13 मांगे हैं, वे इस प्रकार हैं-

1. MSP पर कानूनी गारंटी
2. कर्ज माफी- इसमें 10,000 रुपए से अधिक के सभी किसानों की कर्ज माफ की बात कही गई है। यह कुल रकम करीब 18 लाख करोड़ के आसपास होगी।
3. भूमि अधिग्रहण पर उचित मुआवजा
4.लखीमपुर खीरी हिंसा में न्याय की मांग
5. किसानों और कृषि क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के लिए पेंशन
6. बिजली बिल के दरों में वृद्धि नहीं करने की मांग।
7. किसानों के 2020-21 के आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए मुआवजा
8. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) हटने और सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर प्रतिबंध लगाना।
9. मनरेग के तहत 700 रुपये की दैनिक मजदूरी के साथ प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार।
10. राष्ट्रीय मसाला आयोग: विभिन्न मसालों के लिए आयोग का गठन हो, जो इस उद्योग की चुनौतियों का समाधान करेगा।
11. जनजातीय समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा: आदिवासी समुदायों से संबंधित भूमि, जंगलों और जल स्रोतों की सुरक्षा।
12. नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को दंडित करके बीज की गुणवत्ता में सुधार करना।

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