पुणे पोर्शे कार दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी की माँ की क्यों हुई गिरफ्तारी? अब तक क्या हुआ?

मामले में नाबालिग आरोपी के खून के नमूने बदलने के आरोप में पिछले दिनों ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों अजय टावरे और श्रीहरि हलनोर के साथ चपरासी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया था।

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Pune: In the same car, an inebriated teenager had hit a young man and a girl on a bike (Photo- IANS)

पुणे: इसी कार से शराब के नशे में धुत एक किशोर ने बाइक पर सवाल युवक-युवती को टक्कर मार दी थी (फोटो- IANS)

पुणेः पोर्शे कार दुर्घटना मामले में अब एक नया मोड़ आया है। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को उसकी माँ शिवानी अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। शिवानी अग्रवाल पर नाबालिग आरोपी के खून का नमूना बदलने का आरोप है। गौरतलब है कि पिछले दिनों पुलिस की जांच में पता चला था कि कथित तौर पर हादसे के समय कार चला रहे नाबालिग आरोपी के खून का जो नमूना जांच के लिए ससून जेनरल हॉस्पिटल भेजा गया था उसे बदल दिया गया था। शिवानी अग्रवाल की गिरफ्तारी इसी सिलसिले में हुई है।

बेटे को बचाने के लिए आरोपी की माँ ने दिया था अपना खून

ससून अस्पताल के डॉक्टरों ने 17 साल के आरोपी को बचाने के लिए उसके खून की जगह जिस दूसरे खून का नमूना जांच के लिए भेज दिया था, वह शिवानी अग्रवाल का था। आरोपी की माँ को शनिवार पुणे की एक अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में नाबालिग आरोपी के खून के नमूने बदलने के आरोप में पिछले दिनों ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों अजय टावरे और श्रीहरि हलनोर के साथ चपरासी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया था।  राज्य सरकार ने बुधवार को तीनों निलंबित कर दिया था। वहीं अदालत ने गुरुवार उनकी पुलिस कस्टडी पांच जून तक बढ़ा दी।

मामले में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल एस. अग्रवाल और उनके पिता सुरेंद्र कुमार बी. अग्रवाल पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन पर अपने ड्राइवर के कथित अपहरण और धमकाने का आरोप है। पुलिस ने विशाल को 27 मई को देर रात गिरफ्तार किया था जबकि सुरेन्द्र कुमार बी. अग्रवाल को पहले ही नए आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।

मामले में 10 लोग गिरफ्तार

पुलिस ने अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। ससून जनरल अस्पताल के डीन को जांच चलने तक अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। वहीं. मामले में दो पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।

हादसा 19 मई को तड़के हुआ था। पोर्शे कार में सवार 17 वर्षीय लड़के के कुछ दोस्तों ने पुणे पुलिस को बताया है कि दुर्घटना के समय वह बहुत ज्यादा नशे में था। वह नशे की हालत में ही कार चला रहा है। इससे पहले, एक अन्य चश्मदीद ने बताया था कि कैसे वह बाल-बाल पोर्शे कार से टकराने से बच गया था। चश्मदीद ने बताया कि कुछ ही सेकंड बाद कार ने आगे चल रही बाइक को टक्कर मार दी। बाइक पर अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया सवार थे। हादसे में दोनों की मौत हो गई।

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