लंदनः 22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। इसके बाद कई देशों की प्रतिक्रियाएं आईं। इस हमले के विरोध में भारतीय समुदाय के लोग लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने लंदन में प्रदर्शनकारियों की ओर धमकी भरे इशारे किए जो कैमरे में कैद हो गए।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कर्नल तैमूर राहत ने भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर से गला काटने की धमकी दी। वह पाकिस्तानी उच्चायोग में पाकिस्तानी सेना के वायु सलाहकार के पद पर कार्यरत है। 

शुक्रवार को जुटे थे प्रदर्शनकारी

लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने करीब 500 लोग शुक्रवार को जुटे थे। इनके हाथ में भारतीय तिरंगा, बैनर और तख्तियां थीं। ये लोग निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त कर रहे थे और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। वहीं, आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और ऐसे हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी समूहों को समर्थन और पनाह देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। 

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी उच्चायोग को तेज आवाज में म्यूजिक बजाने और असंवेदनशील टिप्पणियां करने पर भी नाराजगी जताई, जब लोग दुख में हैं। हमले के विरोध में इकट्टा हुए प्रदर्शनकारियों ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि आज का आंदोलन न्याय और जवाबदेही के लिए किया गया। हालांकि, इस परेशान करने वाले और शर्मनाक कृत्य के बाद पाकिस्तानी उच्चायोग में अधिकारी तेज आवाज में म्यूजिक बजा रहे हैं।

इस बयान में कहा गया कि यह एक शर्मनाक कृत्य है। जब पूरी दुनिया मारे गए लोगों के प्रति सहानुभूति जता रही है, ऐसे में पाकिस्तानी दूतावास की हरकतों ने सहानुभूति और मानवीय शालीनता को चौंकाने वाली कमी दिखाई। 

प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?

इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने कहा "हम भारतीय यहां पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने आतंकवाद की फैक्ट्री को पोषित किया है और इसी वजह से पहलगाम में हमारे 26 लोग मारे गए। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए हैं। "

वहीं, एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि पहलगाम में हुए "जघन्य आतंकी हमले" के कारण ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग आक्रोशित हैं। 

इसी तरह एक अन्य भारतीय-यहूदी प्रदर्शनकारी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करता है। प्रदर्शनकारी ने आगे कहा कि यहूदी समुदाय हमेशा से भारतीय लोगों का समर्थन करता है क्योंकि दोनों देशों का दुश्मन एक ही है- "इस्लामी कट्टरपंथ।" उसने कहा कि पहलगाम हमला उसे हमास द्वारा इजराइल पर आक्रमण की याद दिलाता है जो 2023 में किया गया था। 

विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा "यह सिर्फ असंवेदनशीलता नहीं है....यह उकसावे की कार्रवाई है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कूटनीति और मानवता की हर सीमा पार कर दी है। अगर पाकिस्तान इस हमले की निंदा नहीं कर सकता है तो वे इसमें भागीदार हैं।"

भारतीय समुदाय के लोगों ने ब्रिटेन की सरकार से मांग की है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त को समन भेजकर इस बारे में बताने को कहा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा मांग की गई है कि पाकिस्तान सार्वजनिक रूप से हमले की निंदा करे और आतंकवाद को पोषित करना बंद करे। इसके साथ ही यह भी मांग की गई कि अपराधियों तथा वित्तपोषकों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कूटनीतिक दबाव डाला जाना चाहिए। 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से कई कूटनीतिक निर्णय लिए गए हैं। जिसमें 1960 में हुई सिंधु जल संधि को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही कई अन्य कार्रवाई की गई है। भारत के इन निर्णयों के बाद पाकिस्तान की तरफ से भी कुछ कदम उठाए गए हैं जिसमें शिमला समझौते को रद्द करने की बात की गई है। इसके अलावा पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है।