नई दिल्ली: इंग्लैंड के विभिन्न हिस्सों में बाल यौन शोषण के मामलों को लेकर ब्रिटिश पीएम कीएर स्टार्मर की एक टिप्पणी की जमकर आलोचना हो रही है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने जब यूके पीएम के बयान पर निशाना साधा तो अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क ने भी उनका समर्थन किया।
ब्रिटिश पीएम ने बाल यौन शोषण के मामलों के संदर्भ में ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर गंभीर आपत्ति जताई जा रही है क्योंकि इस कांड में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के पुरुषों के गिरोह शामिल हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर मस्क की प्रतिक्रिया
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ये ‘एशियाई’ नहीं, बल्कि ‘पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग’ हैं। उन्होंने लिखा, “मेरे बाद दोहराइए, ये एशियाई ग्रूमिंग गैंग नहीं बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं।” इस पर एलन मस्क ने जवाब दिया ‘सच’।
प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी पोस्ट में कहा, “एक दुष्ट राष्ट्र के लिए एशियाई लोगों को क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?”
Okay. pic.twitter.com/frMz1dHVMt
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 8, 2025
विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों की नई राष्ट्रीय जांच की मांग की है। इस बहस ने तब ध्यान खींचा जब अमेरिकी टेक अरबपति एलन मस्क ने अपने प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुद्दे को लेकर लेबर प्रधानमंत्री कीर स्टारमर पर कई हमले किए।
इस तरह की जांच की मांग कई वर्षों से दक्षिणपंथी लोगों की तरफ से की जा रही है। कई उत्तरी अंग्रेजी शहरों में मुख्य रूप से पाकिस्तानी मूल के पुरुषों द्वारा ज्यादातर श्वेत ब्रिटिश लड़कियों के व्यापक यौन शोषण को लेकर यह मांग की जा रही है।
स्टार्मर ने इन मांगों को खारिज करते हुए कहा है कि प्राथमिकता पिछली, व्यापक सात साल की जांच की सिफारिशों को लागू करने की ‘कार्रवाई’ पर होनी चाहिए। जांच में में इस मुद्दे से निपटने के लिए लगभग दो दर्जन सुझाव दिए गए थे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने इस तरह के बाल यौन शोषण घोटाले के मामलों को फिर से खोला था। उन्होंने दावा किया कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के रोशडेल में ‘एशियाई ग्रूमिंग गिरोह’ के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।
एशियाई शब्द के इस्तेमाल पर विवाद
ब्रिटेन में कई भारतीय प्रवासी समूहों ने इंग्लैंड के विभिन्न हिस्सों में हुए ऐतिहासिक बाल यौन शोषण कांड के संदर्भ में ‘एशियाई’ शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिख संगठनों के नेटवर्क (एनएसओ) ने स्टार्मर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन ने पहली बार 2012 में अपराध के संबंध में देश के व्यापक दक्षिण एशियाई समुदाय को संदर्भित करते हुए ‘अस्पष्ट’ शब्दावली के उपयोग के बारे में शिकायत की थी।
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री की ओर से ‘एशियाई’ ग्रूमिंग गिरोहों के अस्पष्ट संदर्भ का उपयोग बेहद निराशाजनक है। इसकी एक वजह अपराधियों के बहुमत की जातीयता और (या) धर्म के बारे में खुलकर बात न करने का डर है। इसने, कुछ मामलों में, पीड़ितों के लिए इसे और भी बदतर बना दिया है।”
वहीं, हिंदू काउंसिल यूके के अध्यक्ष कृष्ण भान ने कहा, ‘हम इस बात से निराश हैं कि प्रधानमंत्री ने इस जघन्य अत्याचार को ‘एशियाई’ शब्द से ढकने का फैसला किया। हमारी हिंदू और सिख लड़कियाँ भी उनकी शिकार हुई थीं।’
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)
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