इंफाल: एन बीरेन सिंह के मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष नजर आता रहा है। इसमें अभी तक करीब 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

राज्य में पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का शासन था। नवंबर 2024 में कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। वही, एन बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा ने बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी के लिए राज्य में आम सहमति बनाने की कोशिश की, लेकिन प्रयासों में विफल रही। इस बीच कांग्रेस सहित विपक्ष और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने भी मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की जोरदार मांग की थी।

जातीय संघर्ष से निपटने में नाकाम रहे बीरेन सिंह

एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इंफाल राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा था। 

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, 'अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं मणिपुर के प्रत्‍येक नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का अत्यंत आभारी हूं।'

वहीं राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार का गठन होने तक जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिया था। ऐसे में एन. बीरेन सिंह मणिपुर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री को रूप में काम कर रहे थे।

एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

पिछले हफ्ते विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत को दिल्ली बुलाए जाने के बाद मणिपुर में सत्ता परिवर्तन के संकेत मिलने लगे थे। इसके बाद ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री युमनाम खेमचंद भी दिल्ली आए थे।

एन. बीरेन सिंह ने पिछले वर्ष की मणिपुर में हिंसा को लेकर जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, 'यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से पिछले साल तीन मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।'