रायपुर: छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बस्तर क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चार नई बटालियनों को तैनात करने का ऐलान हुआ है। यह फैसला तब लिया गया है जब हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा साल 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, बस्तर क्षेत्र में 260 सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं जिसमें हर कैंप में 80 से 100 जवानों की तैनाती होती है। प्रभावित इलाके के लोकेश्न और हमले की आशंका में जवानों की संख्या को बढ़ाया और घटाया जाता है।
इन कैंपों के जरिए नक्सलियों से लोहा लड़ने में और माओवादी गतिविधियों से प्रभावित दूरदराज के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल और नक्सलवादियों के बीच अक्सर मुठभेड़ होती रहती है।
पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ की दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर स्थित पुरंगेल के लोहा गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में कम से कम नौ नक्सली मारे गए थे। मौके से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और बंदूकें भी बरामद हुई थी।
बस्तर के सात जिलों में इतने जवानों की हुई तैनाती
केंद्र द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में चार हजार जवानों के सीआरपीएफ की चार नई बटालियनों की तैनाती का फैसला लिया गया है। बस्तर के सात जिलों में अभी 60 हजार से अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती है।
इसमें लगभग 40 हजार सीआरपीएफ से हैं जिनमें छह हजार विशिष्ट कोबरा कमांडो और 20 हजार राज्य की पुलिस इकाइयां भी शामिल हैं। यहां पर इस अनुपात में जवानों की तैनाती की गई है। लगभग 40 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में हर 66 लोगों पर लगभग एक अर्धसैनिक बल के जवान को तैनात किया गया है।
यहां से भेजे गए हैं सीआरपीएफ की चार नई बटालियन
एक रिपोर्ट के अनुसार, नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए सीआरपीएफ की नई बटालियनों को झारखंड और बिहार से हटाकर उन्हें राज्य के बीजापुर और सुकमा जिलों में तैनात किया गया है।
इन जवानों की तैनाती के आलावा सीआरपीएफ बस्तरिया बटालियन के लिए स्थानीय युवाओं की भी भर्ती की योजना बनाई गई है। यही नहीं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक अतिरिक्त बटालियन को भी बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे प्रमुख नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात करने की योजना है।
इस साल 29 और नए कैंप बनाने की योजना
इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती पर बोलते हुए अधिकारियों ने कहा है कि इन अतिरिक्त बलों को सुरक्षा अंतराल को भरने, विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाने और लंबित परियोजनाओं को पूरा करने की व्यापक रणनीति के तौर पर यह तैनाती की जाती है।
अधिकारों के अनुसार, साल 2019 से क्षेत्र में 86 नए सुरक्षा कैंप लगाए गए हैं जिसमें बीजापुर में सबसे ज्यादा 22 कैंपों को लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि इस साल तक 29 और कैंप लगाने की योजना है।
अमित शाह ने क्या कहा था
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में छत्तीसगढ़ का दौरा किया था जहां उन्होंने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति के तहत मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
ऐसे में शाह के बयान के लगभग दो सप्ताह बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सीआरपीएफ की चार नई बटालियनों की तैनाती का ऐलान हुआ है।
मौके से सुरक्षा बलों को मिले थे एसएलआर समेत 303 राइफल
पिछले हफ्ते मंगलवार को छत्तीसगढ़ की दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर स्थित पुरंगेल के लोहा गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच भारी मुठभेड़ हुआ था। पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया था कि मंगलवार सुबह गश्त के दौरान सुरक्षाबलों पर नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी।
जवानों की जवाबी कार्रवाई में नौ नक्सली गए थे। सुरक्षा बलों ने मौके से एसएलआर, 303 राइफल, 315 बोर बंदूक जैसे हथियार, बड़ी संख्या में गोला-बारूद और नक्सली साहित्य बरामद किए गए थे।
नारायणपुर-कांकेर सीमा पर मारे गए थे तीन नक्सली
इससे पहले 29 अगस्त को ‘एंटी नक्सल’ ऑपरेशन के तहत नारायणपुर-कांकेर सीमा पर नक्सलियों और पुलिस के बीच एक मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया था।
यह मुठभेड़ नारायणपुर-कांकेर सीमा पर हुई थी, जहां सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया था और तीन नक्सलियों को मार गिराया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ