प्रयागराजः आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद रविवार को प्रयागराज पहुंचे थे। यहां पर उन्हें इसौटा गांव में 13 अप्रैल को एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि देवीशंकर की आग लगाकर हत्या कर दी गई। आजाद रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वहां जाने से रोक दिया। 

जब चंद्रशेखर के समर्थकों को पता चला कि उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया है तो उन्होंने हंगामा कर दिया और पुलिस के दो वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, आजाद समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने करछना, नैनी और औद्योगिक थाने में हंगामा कर दिया और तोड़फोड़ की। वहीं, करछना एसडीएम की गाड़ी में भी तोड़फोड़ हुई है। मौके पर मौजूद पुलिस बल के साथ भी उनके समर्थकों की मारपीट हुई है। पुलिस ने इस मामले में आजाद के करीब 50 समर्थकों को तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है। 

डीसीपी ने क्या कहा?

प्रयागराज के यमुनानगर के डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने कहा कि करछना तहसील के इसौटा गांव में चंद्रशेखर के आने की सूचना थी, जहां भारी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा थे। जब उन्हें आजाद के न आने की सूचना मिली तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। डीसीपी के मुताबिक, भीड़ पर 112 नंबर की गाड़ी और एक अन्य गाड़ी को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

चंद्रशेखर ने क्या कहा? 

चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि जब तक उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा और गिरफ्तार किए गए लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा तब तक वह प्रयागराज छोड़कर नहीं जाएंगे। वहीं, आजाद समाज पार्टी का कहना है कि चंद्रशेखर को कौशांबी में रेप पीड़ित बच्ची के घर जाना था। हालांकि, प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें वहां जाने से रोक दिया जिससे कार्यकर्ताओं में रोष हुआ। 

इससे पहले पार्टी ने एक्स पर एक ट्वीट कर कहा था कि चंद्रशेखर को 10 दिनों के भीतर जान से मारने की धमकी दी गई है। इस पोस्ट में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी टैग किया गया है।

क्या है पूरा मामला? 

प्रयागराज की करछना तहसील के इसौटा गांव में 13 अप्रैल को एक 35 वर्षीय दलित युवक देवीशंकर की हत्या कर दी गई थी। उसके शव को एक बाग में आग लगा दी गई थी। शंकर के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 

पुलिस ने इस घटना के बाद कथित तौर पर ऊंची जाति से आने वाले एक ही परिवार के सात सदस्यों के ऊपर हत्या का मामला दर्ज किया था। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह पता चला था कि देवीशंकर की हत्या एक महिला के साथ संबंध से जुड़ी है। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देवी लाल की मौत का कारण गला घोंटना था। उसकी मौत के बाद जलने के घाव लगाए गए थे।  

रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया कि आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने और सबूत मिटाने को लेकर आरोपियों ने घटनास्थल से भागने से पहले शव को आग लगा दी। 

आरोपियों के खिलाफ हत्या, दंगा, आपराधिक धमकी और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।