पंजाब में गिरेगी 'आप' सरकार? प्रताप सिंह बाजवा के दावे से सकते में मान सरकार

पंजाब ने नेता प्रतिपक्ष के उस दावे के बाद मान सरकार सकते में है जिसमें बाजवा ने कहा था कि पार्टी के 32 विधायक उसके संपर्क में हैं। बाजवा के बयान पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि बाजवा ने भाजपा में टिकट पक्का कर लिया है।

Pratap Singh Bajwa Vs Bhagwant Mann

Pratap Singh Bajwa Vs Bhagwant Mann

चंडीगढः पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने बड़ा दावा किया है। बाजवा ने दावा कि राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के " 32 से अधिक " विधायक उनके संपर्क में हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है अन्य विधायक भाजपा के संपर्क में हो। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत दे रहा है कि आप की सरकार के लिए खतरा है। 

हालांकि बाजवा ने कहा कि कांग्रेस सरकार गिराने के लिए जिम्मेदार नहीं होगी। उन्होंने कहा " यह बीजेपी करेगी।"  एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा " सिर्फ विधायक नहीं मंत्री और बड़े नेता भी शामिल हैं... लेकिन हमने ये स्पष्ट किया है कि कांग्रेस किसी भी हालत में सरकार को अस्थिर नहीं करेगी। "

बाजवा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि आम आदमी पार्टी राज्य में पांच साल का कार्यकाल पूरा करे ताकि लोग देख सकें कि किस तरह की सरकार के लिए उन्होंने वोट किया था। 

'आप' नेता हैं दुखी

बाजवा ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता इस बात से बहुत दुखी हैं कि आप की सरकार में हजारों करोड़ों रूपये हवाला के जरिए आस्ट्रेलिया भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पैसा शराब और भूमि उपयोग में बदलाव का पैसा था। 

हालांकि बाजवा के इन बयानों पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है। पार्टी ने कहा है कि बाजवा भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया में हैं। बाजवा पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता नील गर्ग ने कहा कि " प्रताप बाजवा ने पहले से ही भाजपा में अपना टिकट पक्का कर लिया है। उन्होंने बेंगलुरु में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात की थी।" 

इसके साथ ही गर्ग ने कहा कि " राहुल गांधी को उन पर (प्रताप बाजवा) नजर रखनी चाहिए। "

भारी दबाव में है मान सरकार

इसी महीने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद भगवंत मान सरकार विपक्ष के भारी दबाव में है। दिल्ली में 11 साल से सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिल सकीं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी की थी। 

पंजाब सरकार ने अब बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया है। पार्टी ने राज्य में चुनाव से पहले यह वादा किया था। इस सिलसिले में बीते हफ्ते सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में 52 पुलिसकर्मियों को हटाया था। इन पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के कर्मचारी शामिल थे। 

वहीं, 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी वरिंदर कुमार को विजिलेंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक पद से हटा दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें पुलिस प्रमुख को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। 

वहीं, श्रीमुक्तसर साहिब के डिप्टी कमिश्नर राजेश त्रिपाठी को भी निलंबित किया गया है। वह 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग द्वारा जांच का आदेश दिया गया है।  

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