नई दिल्लीः चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके लोकसभा चुनाव परिणामों का आकलन गलत साबित होने पर कहा है कि वह आगे से सीटों को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करेंगे। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रशांत किशोर ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी गलती को स्वीकार किया। प्रशांत ने कहा कि उनके चुनाव परिणामों के आकलन गलत हुए हैं। वह अपनी गलती मानने के लिए तैयार हैं।
इंडिया टुडे से बात करते हुए जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि हाँ, मुझसे और मेरे जैसे चुनावी विश्लेषकों से गलती हुई है। हम अपनी गलती मानने के लिए तैयार हैं। प्रशांत किशोर ने नतीजों से पहले भाजपा के 303 सीटों के करीब या उससे अधिक सीटें जीतने की बात कही थी। तमाम एग्जिट पोल भी प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी को पुष्ट करते नजर आए थे। लेकिन 4 जून को आए परिणाम ने सबको चौंका दिया। भाजपा को सिर्फ 240 सीटें मिली हैं जबकि उसके नेतृत्व वाले एनडीए को 293 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं इंडिया गुट को 234 सीट पर जीत मिली है।
सीटों को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करेंगे
नतीजों को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि वह भविष्य में चुनाव में सीटों को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि उनकी भविष्यवाणियाँ कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ‘काफी चूक’ गईं। उन्होंने कहा कि उनका 20 प्रतिशत तक आकलन गलत साबित हुआ है।
मेरा आकलन संख्याओं के हिसाब से 20 प्रतिशत तक गलत था
प्रशांत ने कहा, “मैंने अपना आकलन आपके सामने रखा था और मुझे कैमरे पर यह स्वीकार करना है कि मेरा आकलन संख्याओं के हिसाब से 20 प्रतिशत तक गलत था। मैंने कहा था कि भाजपा लगभग 300 सीटें जीतेगी और उन्हें 240 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा था कि मोदी के खिलाफ थोड़ी नाराजगी थी, लेकिन व्यापक असंतोष नहीं था।
प्रशांत किशोर ने इंटरव्यू में कहा कि विपक्ष की ओर से कोई ‘सकारात्मक आवाज’ नहीं उठी और इसीलिए पूर्व और दक्षिण में कुछ भौगोलिक विस्तार के साथ यथास्थिति बनाई जा रही है। जन सुराज प्रमुख ने कहा कि अब, जाहिर है हम गलत साबित हुए हैं। लेकिन अगर आप सिर्फ संख्याओं से परे जाएं, तो यह उतना गलत नहीं है। क्योंकि आखिरकार, उन्हें 36 प्रतिशत वोट शेयर मिला, जो कि यथास्थिति है। वोट शेयर के मामले में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।”
भाजपा को बहुमत नहीं मिलने की वजह से उसे अब एनडीए के घटक दलों के सहयोग से सरकार चलानी होगी। जिसमें तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यूनाइटेड) जैसे मुख्य भूमिका में होंगे। दोनों के पास कुल 28 सीटें हैं। वर्तमान में एनडीए के पास 293 सीटें हैं। शुक्रवार को एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया है। वे 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।