पुलिस से झड़प के दौरान प्रशांत किशोर।
पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को बिहार विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसके बाद उनकी और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी युवक के सिर पर चोट भी आई, जिसे लेकर प्रशांत किशोर ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया।
प्रशांत किशोर का कहना है कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे, जिसमें उन्हें उनकी दो साल पुरानी वादा-खिलाफी की याद दिलाई जानी थी। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार ने बिहार के 94 लाख परिवारों को दो लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब तक एक भी परिवार को एक रुपया तक नहीं मिला है।
इस घटना के बाद, प्रशांत किशोर ने धमकी दी कि वह अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके घर में घेरेंगे। हालांकि, कुछ देर बाद यह विरोध प्रदर्शन तब समाप्त हो गया, जब उनकी पार्टी के नेताओं को सरकार से 7 दिनों में जवाब देने का आश्वासन मिला।
'...तो मुझ पर चलाओ डंडा'
प्रशांत किशोर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “हम शांतिपूर्वक मुख्यमंत्री को लोगों का यह ज्ञापन देना चाहते हैं कि उन्होंने दो साल पहले 94 लाख परिवारों को 2-2 लाख रुपये देने का जो वादा किया था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ। अब तक किसी को एक पैसा नहीं मिला है। यह संघर्ष अब शुरू हुआ है। अभी तीन महीने बचे हैं… बिहार की जनता बदलाव चाहती है और भ्रष्टाचार को हटाना चाहती है।”
घटना के बाद प्रशांत किशोर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, “अगर पुलिस ने जन सुराज के निहत्थे कार्यकर्ता पर डंडा चलाया है, तो मैं यहीं बैठा हूं। यह प्रतिबंधित क्षेत्र है न, तो मुझ पर चलाओ डंडा। हम सरकार को पूरे बिहार में काम करना मुश्किल कर देंगे… एक लड़के को सिर पर चोट आई है। जब तक मुख्य सचिव हमें यह लिखित में नहीं देते कि वे कब जवाब देंगे, हम यहां से नहीं हटेंगे।”
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सरकार को जनता के सामने झुकना ही होगा। उन्होंने कहा, “हम देख रहे हैं कि मुख्य सचिव के साथ बैठक का क्या नतीजा निकलता है। पुलिस कुछ नहीं कर सकती… हम यहां बैठे हैं, उन्हें कह रहे हैं कि हमें मारो। सरकार इस तरह नहीं बचेगी।”
प्रशांत किशोर को सरकार से मिला आश्वासन
बाद में प्रशांत किशोर ने बताया कि जन सुराज के पांच वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात बिहार के मुख्य सचिव से हुई है। उन्होंने कहा,“हमारी मांग थी कि इस पूरे मामले को सात दिनों के भीतर मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाए और सकारात्मक जवाब दिया जाए। मुख्य सचिव ने हमारी टीम को भरोसा दिलाया है कि सरकार की ओर से सात दिनों के अंदर जवाब दिया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम सात दिन तक जवाब का इंतजार करेंगे। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम अगली रणनीति की घोषणा यहीं से करेंगे। अगली बार हम मुख्यमंत्री का घेराव किसी दूसरी सड़क पर करेंगे और उन्हें नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह बात सभी को सुन लेनी चाहिए। हम इस आंदोलन को यहां से वापस ले रहे हैं, लेकिन सात दिन बाद का इंतजार रहेगा।