पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रविवार को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। लेकिन इस फैसले को लेकर बिहार की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। विरोधी दल इसे 'दिखावा' और 'आई वॉश' करार दे रहे हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने तेज प्रताप के निष्कासन को 'महज औपचारिकता' बताते हुए कहा, “यह फैसला केवल दिखावे के लिए है। लालू यादव को तेज प्रताप की गतिविधियों की जानकारी पहले से रही होगी, लेकिन उन्होंने पहले कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह कार्रवाई सिर्फ औपचारिक है, वास्तविक नहीं।”
वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक लालू यादव तेज प्रताप की विधानसभा सदस्यता समाप्त कराने की प्रक्रिया शुरू नहीं करते और उन्हें कानूनी तौर पर परिवार से बेदखल नहीं करते, तब तक यह फैसला सिर्फ 'आई वॉश' है।
'लालू विस अध्यक्ष को पत्र दें, वसीयत भी जारी करें'
नीरज कुमार ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर तेज प्रताप को सचमुच पार्टी और परिवार से अलग किया गया है, तो लालू यादव को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर उनकी सदस्यता खत्म करने की पहल करनी चाहिए। इसके साथ ही वसीयत जारी कर यह स्पष्ट करें कि अर्जित संपत्ति में तेज प्रताप का कोई हक नहीं है।
उन्होंने आगे यह भी पूछा, “क्या तेज प्रताप को परिवार की 43 बीघा पटना की जमीन, दिल्ली, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर जैसी जगहों पर मौजूद संपत्ति में हिस्सा मिलेगा या नहीं? बिहार की जनता जानना चाहती है कि लालू यादव अपने पुत्र को केवल पार्टी से निकाल रहे हैं या पारिवारिक संपत्ति से भी बेदखल कर रहे हैं?”
नीरज कुमार ने तेज प्रताप की पूर्व पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का भी जिक्र करते हुए कहा, “बेटियों के सम्मान की रक्षा करना हमारा संस्कार है। जब ऐश्वर्या के साथ अन्याय हुआ, तब लालू यादव खामोश क्यों रहे?”
'सदस्यता खत्म करिए, शब्दों का खेल मत खेलिए'
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नीरज कुमार ने कहा कि "तेज प्रताप लालू यादव के बेटे हैं और यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अनुशासनहीनता का प्रदर्शन किया है। जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती के साथ अन्याय हुआ था, तब भी लालू यादव खामोश रहे। अब वे कह रहे हैं कि तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया गया है।
नीरज कुमार ने कहा कि अगर यह निष्कासन वास्तविक है, तो सिर्फ बयानों से काम नहीं चलेगा। तेजस्वी यादव को चाहिए कि वे विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर तेज प्रताप की विधानसभा सदस्यता रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू करें। 'वे मेरे बड़े भाई हैं' जैसे भावनात्मक बयानों से अब जनता भ्रमित नहीं होने वाली। अगर सच में उन्हें बाहर किया गया है, तो सीधे, औपचारिक तौर पर उनकी सदस्यता खत्म करिए, शब्दों का खेल मत खेलिए।"
लालू यादव का आधिकारिक बयान
लालू यादव ने रविवार सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखकर तेज प्रताप को निष्कासित करने की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना हमारे सामाजिक न्याय के संघर्ष को कमजोर करती है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधियाँ और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं। अतएव, उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से उसकी पार्टी और परिवार में कोई भूमिका नहीं रहेगी।”
लालू ने यह भी जोड़ा कि तेज प्रताप अपने निजी जीवन का भला-बुरा अब स्वयं देखे और जो लोग उससे संबंध रखना चाहें, वे अपने विवेक से निर्णय लें।
लालू यादव के पोस्ट के बाद बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने भी मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी। रविवार मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि हमें ये सब अच्छा नहीं लगता है, न हम इसे बर्दाश्त करते हैं। हम बिहार की जनता के लिए काम कर रहे हैं, जनता के सुख-दुख में हम भाग ले रहे हैं, जनता के मुद्दे को उठा रहे है।
तेजस्वी ने आगे कहा था, हम नेता विरोधी दल हैं। जहां तक मेरे बड़े भाई की बात है, राजनीतिक और निजी जीवन अलग होता है। निजी जीवन के निर्णय लेने का उनका अधिकार है। राष्ट्रीय अध्यक्ष दल के नेता हैं, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी भावनाएं स्पष्ट कर दी है। हम ऐसी चीजों को पसंद नहीं करते हैं।
क्या है पूरा मामला?
तेज प्रताप यादव हाल ही में एक महिला के साथ वायरल तस्वीर और वीडियो को लेकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर इस रिश्ते की पुष्टि भी की थी, लेकिन बाद में मामला तूल पकड़ते ही वह पोस्ट डिलीट कर दी गई। सफाई में तेज प्रताप ने कहा कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया गया था।