मुंबई: पुणे पोर्शे कार हादसे मामले में पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता को गिरफ्तार कर लिया है। पुणे पुलिस ने रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया।
उस पर सोमवार को मामला दर्ज हुआ था। मामले से जुड़े बार के कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया, जिन पर नियमों को ताक पर रख कर नाबालिग को शराब परोसने का आरोप है। घटना पर संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
रविवार तड़के पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। हादसे में दो आईटी कर्मचारियों की मौत हो गई थी। बाइक पर सवार अनीश अवधिया का मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि उसकी दोस्त अश्विनी कोष्टा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई थी।
हादसे के बाद 17 साल के पोर्श कार चालक को हिरासत में ले लिया गया था और जिला अदालत में पेश किया गया था। अदालत के सामने पेश होने के 14 घंटे के बाद ही नाबालिग को जमानत मिल गई थी जिसे लेकर काफी विवाद हुआ है।
एफआईआर के मुताबिक, आरोपी किशोर और उसके दोस्त रात नौ बजे से 12 बजे तक कोजी बार में पार्टी कर रहे थे। इसके बाद वे एक अन्य बार में गए थे और रात एक बजे तक वहां पार्टी की थी। हादसा रविवार सुबह करीब सवा तीन बजे हुआ था।
नाबालिग पर लगेंगी कड़ी धाराएं
मामले में पुलिस ने दूसरी एफआईआर भी दर्ज की है। इसमें नाबालिग ने बताया है कि चलाने के लिए उसके पिता ने उसे कार दी थी। उसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। उसने कार या पोर्श ईवी चलाने के लिए कोई ट्रेनिंग भी नहीं ली है। किशोर ने बताया कि उसके पिता को पता था कि वह पार्टी के लिए जा रहा है और वह शराब भी पीता है।
पुलिस नाबालिग पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की बात कह रही है। अगर ऐसा हुआ तो धारा 304 ए के तहत उसे दो साल के बजाय उसे 10 साल की सजा हो सकती है।
टीओआई की रिपोर्ट में पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा है कि हमने किशोर पर लगे आईपीसी की धारा 304-ए (तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत का कारण) को हटाने के लिए अदालत का रूख किया है। इसके बदले धारा 304 लगाने का अनुरोध किया है जिसमें गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है।
उस पर आईपीसी की धारा 279 का भी आरोप लगा है। आईपीसी की धारा 337 और 338 में अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे में अगर नाबालिग पर किशोर के रूप में मुकदमा चला तो उसे कम सजा हो सकती है। वहीं अगर उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चला तो उसे पूरी सजा हो सकती है।
क्यों हुआ पिता गिरफ्तार
मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार, अगर किसी नाबालिग द्वारा कोई अपराध होता है तो इस केस में किशोर के माता-पिता या अभिभावकों को दोषी ठहराया जाता है।
दोष साबित होने पर तीन साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना भी लगाया जाता है। यही नहीं नाबालिग पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत मुकदमा भी चलाया जाता है।
इसके अलावा गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाता है। कानून में यह भी कहा गया है कि नाबालिग जब तक 25 साल का नहीं हो जाता है उसे ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
इस केस में एक भी कानून का पालन नहीं हुआ है। आरोपी पिता द्वारा 17 साल के लड़के को बिना ड्राइविंग लाइसेंस के कार चलाने दिया। पिता की लापरवाही और नियमों को पालन नहीं करने के कारण उसे गिरफ्तार किया गया है।
पुणे पोर्शे कार हादसे में अब तक क्या हुआ
रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल को पुणे पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर एक बार का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। इसमें यह दावा किया गया था कि हादसे से पहले नाबालिग ने शराब पी थी।
नाबालिगों को शराब परोसने के आरोप में दो बार के तीन स्टॉफर्स को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे में इस आरोप में कोसी रेस्टोरेंट के मालिक प्रल्हाद भूतड़ा और मैनेजर सचिन काटकर और होटल ब्लैक के मैनेजर संदीप सांगले को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है।
हादसे में शामिल नाबालिग आरोपी को न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया और वहां से उसे जमानत मिल गई। बोर्ड ने आरोपी को आरटीओ कार्यालय जाने और ट्रैफिक रूल्स को सीखने का निर्देश दिया है। यही नहीं बोर्ड ने आरोपी को सड़क हादसों और उससे बचाव को लेकर 300 शब्दों में निबंध भी लिखने को कहा है।
मामले में पुलिस ने कहा है कि दुर्घटना में शामिल किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाएगा। इसकी अनुमति के लिए पुलिस हाईकोर्ट भी जाएगी।
इंडिया टुडे टीवी के अनुसार, पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा है कि वे इस बात को साबित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे कि यह एक जघन्य अपराध है।
कार पर नंबर प्लेट नहीं होने को लेकर उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच कर रहे हैं। वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार पर अस्थायी नंबर प्लेट कब से लगा हुआ था।
पीड़ितों के परिवार वालों ने क्या कहा
अश्विनी कोष्टा के पिता ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद पिछले साल ही उसे नौकरी मिली थी। उन्होंने कहा कि हादसे के कारण परिवार का सपना चकनाचूर हो गया है।
कोष्टा के भाई ने इस तरह के हादसों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। हादसे का शिकार अनीश अवधिया के चाचा ने पुलिस की आलोचना की है। उन्होंने आरोपी किशोर पर लगाई गई जमानत की शर्तों को हास्यास्पद बताया है।
संजय राउत ने क्या कहा है
हादसे पर बोलते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने पुणे पुलिस पर गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी को थाने में पिज्जा और बर्गर परोसा है।
संजय ने यह भी आरोप लगाया है कि अजित पवार के एनसीपी गुट के एक विधायक ने आरोपी पर सख्त कार्रवाई होने से बचने में उसकी मदद भी की है। उन्होंने पुणे के पुलिस आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग की है।