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श्रीनगरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी (सोमवार) को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे और श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे और सुरंग के निर्माण में योगदान देने वाले श्रमिकों से भी मुलाकात करेंगे। सुरंग के उद्घाटन का कार्यक्रम सुबह 11:45 बजे रखा गया है। यह सुरंग श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सालभर आवाजाही सुनिश्चित करेगी, जो अब तक सर्दियों के दौरान बर्फबारी के कारण लगभग चार महीने तक बंद रहती थी।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुरंग का दौरा किया था और इसे क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताया था। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से इसकी तस्वीरें भी साझा की थी। उन्होंने कहा कि "जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन से सोनमर्ग सालभर खुला रहेगा और यह क्षेत्र एक प्रमुख स्की रिसॉर्ट के रूप में विकसित होगा। यह परियोजना स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए लाभदायक साबित होगी।"
Visited Sonmarg today to review preparations for PM @narendramodi ji’s visit on Monday. The inauguration of the Z-morh tunnel will open Sonmarg to tourism all year round, Sonmarg will now be developed as a great ski resort. The local population will not have to leave in winter &… pic.twitter.com/NxQtG7pkWP
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 11, 2025
जेड-मोड़ सुरंग की मुख्य विशेषताएं
यह सुरंग 6.5 किलोमीटर लंबी और दो लेन वाली है, जो समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसमें 10.8 मीटर चौड़ी मुख्य सुरंग, 7.5 मीटर चौड़ी बचाव सुरंग, और 8.3 मीटर चौड़ी वेंटिलेशन सुरंग शामिल हैं। इसके अलावा, 110 मीटर और 270 मीटर लंबी दो प्रमुख पुलिया और 30 मीटर लंबी एक छोटी पुलिया भी बनाई गई है।
सुरंग में आधुनिक वेंटिलेशन सिस्टम, अग्नि सुरक्षा प्रणाली और आपात स्थितियों के लिए बचाव सुरंग उपलब्ध है। दुर्घटनाओं के दौरान उपयोग के लिए कई क्रॉस गैलरी का निर्माण किया गया है। पुराने मार्ग की 49 किलोमीटर लंबी दूरी अब घटकर 43 किलोमीटर रह गई है। इस सुरंग से वाहन अब 70 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
सुरंग में यात्रा करने में लगभग 15 मिनट लगेंगे, जबकि पिछली सड़क पर घंटों लगते थे। बगल की जोजिला सुरंग के साथ, श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर यह सुरंग पूरे साल बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख क्षेत्र के अन्य स्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
जोजिला सुरंग क्षेत्र लद्दाख में माल और रक्षा रसद की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। इसे एशिया की सबसे लंबी सुरंग बताया जा रहा है। अत्यधिक बर्फबारी के कारण सर्दियों के दौरान लद्दाख दुर्गम हो जाता है, जिससे जोजिला दर्रा बंद हो जाता है। सुरंग से निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करके क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सुरंग श्रीनगर से कारगिल और लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों तक सैनिकों और रसद की आपूर्ति को तेज और निर्बाध बनाएगी। जेड-मोड़ जोजिला सुरंग से जुड़ेगी, जो अभी निर्माणाधीन है। यह सुरंग जोजिला दर्रे से होकर लद्दाख के कारगिल जिले तक पहुँचेगी।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में सुरंग निर्माण में शामिल श्रमिकों और कर्मचारियों पर आतंकियों ने गगनगीर में हमला किया था। इस हमले में 7 लोग मारे गए थे, जिनमें बड़गाम के एक डॉक्टर भी शामिल थे। घटना उस समय हुई जब श्रमिक और कर्मचारी अपने शिविर में लौटकर भोजन की तैयारी कर रहे थे। अगले ही दिन पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन "द रेजिस्टेंट फ्रंट" (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।