नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजा में हिस्सा लेने पर विवाद पैदा हो गया है। दरअसल, बुधवार को सामने आए एक वीडियो में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास को अपने घर पर पीएम मोदी का स्वागत करते नजर आए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इनके आवास पर पूजा में भी हिस्सा लिया और आरती करते नजर आए। अब इस पूरे वाकये को लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है।
VIDEO | PM Modi (@narendramodi) participates in Ganpati Puja at CJI DY Chandrachud’s residence in Delhi.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/yHhEwmJb6i
— Press Trust of India (@PTI_News) September 11, 2024
वहीं, इन आलोचनाओं के जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने सफाई दी है कि पीएम नरेंद्र मोदी का सीजेआई के घर जाना पूरी तरह से गणपति उत्सव में शामिल होने को लेकर था। दूसरी ओर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अपने एक पोस्ट उस वाकये का जिक्र किया जब तत्कालीन सीजेआई ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया था। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘पीएम मोदी द्वारा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणपति पूजन में शामिल होने के बाद पूरी कांग्रेस और कम्युनिस्ट इकोसिस्टम सकते में है। इन्हीं लोगों ने उसे धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक बताया जब डॉ. मनमोहन सिंह ने इफ्तार पार्टियों की मेजबानी की और फिर सीजेआई इसमें शामिल हुए।’
मालवीय ने आगे लिखा, ‘उनकी परेशानी अकेले प्रधानमंत्री और सीजेआई के बीच की शिष्टता और सौहार्दपूर्णता नहीं है, बल्कि गणेश चतुर्थी है। कांग्रेस और कम्युनिस्टों को हमेशा हिंदू त्योहारों से समस्या रही है और अब उन्हें महाराष्ट्र से भी समस्या है, जो गणेश चतुर्थी को बड़े उत्साह से मनाता है।’
भाजपा के बीएल संतोष ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘रोना शुरू हो गया!! सभ्यता, सौहार्द, एकजुटता, राष्ट्र यात्रा में सहयात्री होना ये सब इन वामपंथी उदारवादियों के लिए अभिशाप हैं। साथ ही यह मेलजोल भी नहीं था लेकिन समर्पित रूप से गणपति पूजा को भी पचाना इनके लिए बहुत मुश्किल है। SCBA कोई मॉरल कंपास नहीं है। गहरी सांस लीजिए।’
बीएल संतोष का यह जवाब वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह के एक पोस्ट को लेकर था। इंदिरा जय सिंह ने इस पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन (SCBA) से पीएम मोदी के चीफ जस्टिस के घर जाने की आलोचना करने का आग्रह किया था। इंदिरा जयसिंह ने लिखा था, ‘भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के बंटवारे से समझौता कर लिया है। सीजेआई की स्वतंत्रता को लेकर सारा विश्वास खो गया है। एससीबीए को कार्यपालिका से सीजेआई की स्वतंत्रता के सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित इस समझौते की निंदा करनी चाहिए।’
रोना शुरू हो गया !!!! Civility , cordiality , togetherness , co travellers in nations journey are all an anathema to these left liberals. Also it was not socialising but a devoted Ganapathi Pooja is very hard to digest. SCBA is not a moral compass. Take deep breath once . https://t.co/xTK3ZKj2xL
— B L Santhosh (@blsanthosh) September 12, 2024
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी कुछ ऐसी ही बातें लिखी। उन्होंने लिखा, ‘यह चौंकाने वाला है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को एक निजी बैठक के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी। यह न्यायपालिका के लिए बहुत बुरा संकेत है, जिसे कार्यपालिका से नागरिकों के मौलिक अधिकार की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे।’
विपक्ष का तंज
दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा, ‘हमें शंका है कि क्या सीजेआई हमें न्याय दे पाएंगे’। गणपति उत्सव में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कितने लोगों के घर में गए, मेरे पास इसकी जानकारी नहीं है।’
उन्होंने कहा, दिल्ली में कई जगह उत्सव होते हैं, महाराष्ट्र में कई मंडल गणेश उत्सव का आयोजन कर रहे हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीफ जस्टिस के घर गए। दोनों ने मिलकर भगवान गणेश की आरती की।
संजय राउत ने कहा, ‘अगर संविधान के रक्षक, राजनेताओं से मिलेंगे तो लोगों के मन में शंका पैदा होगी। महाराष्ट्र में अवैध सरकार चल रही है। तारीख पर तारीख दी जा रही है। हमें शंका है कि क्या हमें न्याय मिलेगा ?’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘उत्सव खत्म होने के बाद उम्मीद है कि सीजेआई उचित समझेंगे और महाराष्ट्र और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई खत्म करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र होंगे। ओह रुको, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे स्थगित किया जा सकता है किसी और दिन के लिए।’
दूसरी ओर भाजपा नेता बीएल संतोष के पोस्ट पर जवाब देते हुए AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भगवा पार्टी ‘राजनीतिक लाभ के लिए पूजा’ का इस्तेमाल करती है।