नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (23 जुलाई) को यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। दोनों पक्षों ने 6 मई को व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी कर ली थी। 

अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े कई और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वे किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्र मोदी ब्रिटेन से 25-26 जुलाई की मालदीव की राजकीय यात्रा पर रवाना होंगे। पीएम मोदी की यह ब्रिटेन यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकती है। आखिर क्या कुछ इस दौरे का लक्ष्य है, और किन मुद्दों पर बातचीत होगी, आईए जानते हैं।

भारत और ब्रिटेन के मजबूत होते संबंध

हाल के वर्षों में भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों में मजबूती आई है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को 2010 में भविष्य के लिए 'उन्नत साझेदारी' (Enhanced Partnership) का दर्जा दिया गया था। ब्रेक्जिट के बाद से इन ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती मिली है। 2021 में, भारत और ब्रिटेन ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उन्नत किया। दोनों देशों ने व्यापार और निवेश, रक्षा, और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने आदि क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए रोडमैप 2030 को भी अपनाया।

याद करें तो 2023 में भारत और यूके ने 2+2 विदेश और रक्षा वार्ता की शुरुआत की। पिछले साल, दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल शुरू की। मई में, नई दिल्ली और लंदन ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर पहुँचने के लिए बातचीत पूरी की। इसके लिए जनवरी 2022 में चर्चा शुरू हुई। भारत और यूके के बीच व्यापारिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में प्रगाढ़ हुए हैं। 2024-25 में वस्तु व्यापार (goods trade) 23 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।

यूके की चौथी यात्रा पर पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन की अपनी चौथी यात्रा पर होंगे। इससे पहले वे 2015 और 2018 में ब्रिटेन की यात्रा कर चुके हैं। 2021 में ग्लासगो में आयोजित कॉप-26 शिखर सम्मेलन में भी वे शामिल हुए थे।

बहरहाल, इस बार पीएम मोदी अपने ब्रिटिश समकक्ष किएर स्टार्मर के साथ कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने आधिकारिक घोषणा में कहा, 'वे क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे।' 

विदेश मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल ही मोदी और स्टार्मर दो बार मिल चुके हैं। पिछले साल पहली बार रियो डी जनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान और दूसरी मुलाकात पिछले महीने जून में कनाडा के कनानसकीस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। वे कई बार फोन पर भी संपर्क में रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) की स्थिति की समीक्षा करेंगे, जिसमें व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के ब्रिटेन में बड़े बिजनेस लीडर्स के साथ मुलाकात की भी संभावना है।

FTA, खालिस्तान और दूसरे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है। भारत और ब्रिटेन द्वारा 24 जुलाई को मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम कानूनी प्रक्रिया और अन्य आवश्यक अंतिम दस्तावेजों पर काम कर रहे हैं।'

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत ब्रिटेन को भारत से होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर शुल्क समाप्त हो जाएगा, जिसमें कपड़ा, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण तथा ऑटो पार्ट्स एवं इंजन जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
इसके बदले में, भारत चिकित्सा उपकरणों और अल्कोहल वाले पेय पदार्थों सहित 90 प्रतिशत ब्रिटिश उत्पादों पर टैरिफ कम करेगा या हटा देगा।

भारत ब्रिटेन में खालिस्तानी खतरे में हो रही वृद्धि का मुद्दा उठा सकता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया से कहा, 'खालिस्तानी चरमपंथियों की मौजूदगी...हमने ब्रिटेन में अपने सहयोगियों का ध्यान इस ओर दिलाया है। यह हमारे सहयोगियों के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए।'

जून में कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने स्टार्मर के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। दोनों नेताओं ने पिछले साल ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी बातचीत की थी। प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भगोड़ों का प्रत्यर्पण भी शीर्ष एजेंडा में शामिल हो सकता है। भारत वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में वांछित ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।