पीएम मोदी की ट्रंप को फोन पर दो टूक- भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की है और न करेगा

पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच फोन पर बात हुई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बारे में बुधवार सुबह प्रेस को जानकारी दी।

Narendra Modi, Donald Trump

Photograph: (@narendramodi)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन मंगलवार देर रात (भारतीय समयानुसार) लंबी बातचीत हुई। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी चर्चा हुई। साथ ही पीएम मोदी ने ट्रंप से यह साफ कर दिया कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए जम्मू-कश्मीर के हिस्से पर तीसरे पक्ष से मध्यस्थता की मांग नहीं की है और न ही कभी वह इसे स्वीकार करेगा। दोनों नेताओं के बीच फोन पर करीब 35 मिनट बातचीत हुई।

फोन पर यह बातचीत ट्रंप के आग्रह पर हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बारे में बुधवार सुबह प्रेस को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह विषय तब सामने आया जब ट्रंप ने प्रधानमंत्री से ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों खिलाफ इस सैन्य ऑपरेशन को 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद सफलतापूर्व अंजाम दिया था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मध्यस्थता को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगातार हो रही बयानबाजी के बीच दोनों नेताओं की यह पहली सीधी बातचीत है। दोनों नेताओं की मुलाकात कनाडा में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण ये मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर फोन पर दोनों नेताओं की बातचीत हुई। 

पीएम मोदी ने ट्रंप से क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से कहा कि भारत की प्रतिक्रिया 'नपी-तुली' रही है और उसने केवल पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया है। प्रधानमंत्री ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर भारत की स्थिति का भी जिक्र किया और कहा कि इसकी जरूरत नहीं है और यह हमेशा से ऐसा ही रहा है।

पीएम मोदी की ओर से साफ संदेश ट्रंप द्वारा बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए युद्धविराम का श्रेय लेने की कोशिश के बाद दिया गया है। ट्रंप ने न केवल हालिया तनाव को खत्म करने में मध्यस्थता करने की बात कही थी बल्कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत करने के लिए अपनी 'सेवाएं' देने की पेशकश भी करते रहे हैं।

विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से यह भी पूछा कि क्या वह कनाडा से वापसी में अमेरिका रुक कर जा सकते हैं। पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मिलने पर सहमति व्यक्त की।

'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मध्यस्थता या ट्रेड डील पर नहीं हुई बात'

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, 'पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। सैन्य कार्रवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई। दोनों सेनाओं की बात मौजूदा चैनल्स के माध्यम से हुई थी। पाकिस्तान के ही आग्रह पर ये बातचीत हुई थी।'

पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था।'

9 मई को जेडी वेंस से हुई थी पीएम मोदी की बात

विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक, 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि यदि ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा। 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया। पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया।

विदेश सचिव के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वार नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है और "ऑपरेशन सिंदूर" अभी भी जारी है। 

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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