नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस (26 मार्च) के अवसर पर मुहम्मद यूनुस को संबोधित पत्र के माध्यम से शुभकामनाएं दी हैं। अपने पत्र में पीएम मोदी ने 1971 के मुक्ति संग्राम के ऐतिहासिक महत्व का जिक्र किया। साथ ही भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों की नींव के रूप में इसकी भूमिका की भी बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूनुस को लिखे पत्र में कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए 'प्रतिबद्ध' है। उन्होंने साथ ही कहा कि ये संबंध 'एक-दूसरे के हितों और चिंताओं के प्रति पारस्परिक संवेदनशीलता' पर आधारित होनी चाहिए।
पीएम मोदी का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हाल के महीनों में हिंसा की कई खबरें आई थी। इसका असर भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर भी साफ नजर आया। विदेश मंत्रालय ने भी हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की बार-बार निंदा की और बांग्लादेश से धार्मिक समुदायों और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।
पीएम मोदी ने चिट्ठी में क्या लिखा?
पीएम मोदी ने लिखा, 'मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आपको और बांग्लादेश के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। यह दिन हमारे साझा इतिहास और बलिदानों का प्रमाण है, जिसने हमारी द्विपक्षीय साझेदारी की नींव रखी है। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की भावना हमारे संबंधों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई है, जो कई क्षेत्रों में फलीभूत हुई है और हमारे लोगों को ठोस लाभ पहुंचा रही है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'हम शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपनी साझा आकांक्षाओं तथा एक-दूसरे के हितों और चिंताओं के प्रति पारस्परिक संवेदनशीलता के आधार पर इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
26 मार्च- बांग्लादेश का राष्ट्रीय दिवस
बांग्लादेश का राष्ट्रीय दिवस 26 मार्च को मनाया जाता है। यह 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की घोषणा का प्रतीक है। 6 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश को एक संप्रभु और स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने वाला भारत, भूटान के बाद दूसरा देश था। मार्च 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तारीख को भारत-बांग्लादेश मैत्री दिवस (मोइत्री दिवस) के रूप में भी मनाने की घोषणा की थी।
बताते चलें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले सप्ताह एक संसदीय पैनल को बताया था कि भारत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।
उन्होंने यह भी बताया कि ढाका इस बात पर कायम है कि हमले राजनीति से प्रेरित थे और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समूहों को निशाना नहीं बनाया गया था। बहरहाल, इन सबके बीच यह अभी स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी थाईलैंड में होने वाले आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोहम्मद यूनुस से मिलेंगे या नहीं।