नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति पर पूरी मजबूती से कायम है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत की पूरी क्षमता तभी सामने आ सकती है जब वहां शांति और सुरक्षा बनी रहे।

यह बात उन्होंने 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट' के उद्घाटन सत्र में कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो पूर्वोत्तर कभी हिंसा और अस्थिरता के लिए जाना जाता था, वह अब तेजी से बदलाव और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने बताया, "पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर के 10,000 से अधिक युवाओं ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। यह बहुत बड़ा संकेत है कि वहां अब स्थायित्व और परिवर्तन का दौर चल रहा है।"

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को भारत की विकास यात्रा का नया केंद्र बताया। उन्होंने कहा, "एक समय था जब पूर्वोत्तर को सिर्फ सीमांत क्षेत्र (frontier) कहा जाता था, लेकिन आज यह विकास का अगुआ (frontrunner) बन चुका है।"

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के लिए ‘EAST’ का मतलब सिर्फ दिशा नहीं बल्कि उसे — Empower (सशक्त बनाना), Act (कार्रवाई करना), Strengthen (मजबूत करना) और Transform (परिवर्तन लाना) है। यह पूर्वोत्तर के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

'नॉर्थईस्ट इस डायवर्स नेशन का डायवर्स हिस्सा'

पीएम मोदी ने कहा, "बीते दशक में 21,000 करोड़ रुपए नॉर्थ ईस्ट के एजुकेशन सिस्टम पर निवेश किए गए हैं। करीब 850 नए स्कूलों का निर्माण किया गया है। 9 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं। मिजोरम में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन का कैंपस बनाया गया है। करीब 200 नए स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट स्थापित किए गए हैं।"

उन्होंने कहा, "अभी कुछ समय पहले यहां भारत मंडपम में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था और आज हम यहां नॉर्थईस्ट में इंवेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। इस कार्यक्रम का हिस्सा बड़ी संख्या में आए इंडस्ट्री लीडर्स बने हैं, जो दिखाता है कि नॉर्थईस्ट को लेकर सभी में उत्साह, उमंग और नए सपने हैं।"

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को देश का विविधता से परिपूर्ण हिस्सा बताया। बोले, "भारत, दुनिया के समक्ष सबसे डायवर्स नेशन के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाता है और नॉर्थईस्ट इस डायवर्स नेशन का डायवर्स हिस्सा है। ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक पूर्वोत्तर राज्य की डायवर्सिटी इसकी बहुत बड़ी ताकत है।"

'विकसित भारत के सपने पूरा करने के लिए पूर्वी राज्यों का विकास अहम'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश 2047 तक विकसित भारत बनने की राह पर अग्रसर है और इस सपने को पूरा करने के लिए पूर्वी भारत का विकास मायने रखता है। उन्होंने कहा, पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजरा है, जो आंकड़ों तक सीमित न होकर जमीन पर महसूस होने वाला बदलाव है। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कहा कि हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को केवल ईंट और सीमेंट से नहीं देखा बल्कि उसे इमोशनल कनेक्ट का रास्ता बनाया। हमने लुक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट का मंत्र अपनाया।

उन्होंने आगे कहा, "एक समय था जब नॉर्थ ईस्ट को केवल फ्रंटियर रिजन के रूप में जाना जाता था, वहीं आज नॉर्थ ईस्ट ग्रोथ का फ्रंट रनर बन रहा है।"

इस समिट के उद्घाटन सत्र में भारत के शीर्ष उद्योगपति जैसे मुकेश अंबानी, गौतम अदानी और अनिल अग्रवाल समेत कई निवेशक और कारोबारी नेता मौजूद रहे। यह दो दिवसीय सम्मेलन कई पूर्व-समिट गतिविधियों—जैसे रोडशो, द्विपक्षीय बैठकें और राजनयिक सम्मेलनों—के बाद आयोजित किया गया है। समिट का फोकस पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी, कृषि-प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी, अधोसंरचना, ऊर्जा और खेल जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना है।